जल सुरक्षा एवं शांति सम्मेलन में धर्माचार्यों ने जल संरक्षण व प्रबंधन हेतु समाज को जागृत करने का लिया संकल्प

सभी धर्माचार्यों ने अपने वक्तव्यों मे जल संरक्षण और संवर्धन की रखी बात

नई दिल्ली (अनिल शर्मा)। सोमवार को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूथ हॉस्टल में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में सभी धर्मों के धर्माचार्य एकत्र हुए और सब ने सामूहिक रूप से कहा कि वह जल संरक्षण और प्रबंधन के ऊपर अपने प्रवचनों में समाज को जागृत करने का काम करेंगे । भारत में पहली बार धर्मगुरुओं के जल सुरक्षा और शांति के लिए आयोजित किए गए सम्मेलन में तय किया गया कि सभी राज्यों में इस तरह के सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे जिसकी जिम्मेदारी सर्व समाज उठाएगा।

बलखंडी समाज के धर्मगुरु ने पहाड़ों पर जल संरक्षण की जिम्मेदारी ली । धर्मगुरुओं ने कहा कि दुनिया के सभी धार्मिक ग्रंथों में प्रकृति के संरक्षण को सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है । अब भारत सहित पूरे दुनिया में वक्त आ गया है कि जल संरक्षण से शांति के लिए सभी को एक साथ आने की जरूरत है । धर्मगुरु और सामाजिक कार्यकर्ता मिलकर जल की भारतीय आस्था एवं प्रकृति संरक्षण का काम करेंगे । विश्वविद्यालय महाविद्यालयों में जल सुरक्षा हेतु जल साक्षरता अभियान चलाया जाएगा भूजल पुनर्भरण हेतु चेतना यात्रा आयोजित की जाएंगी जिनमें सभी धर्मों के धर्मगुरु नेतृत्व करेंगे।

इस सम्मेलन में देश भर से जुटे विषय विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहे जल संकट के प्रभावों को विशेष तौर से प्रस्तुत किया । सम्मेलन में किसान संगठन नदी घाटी संगठन समाज के विभिन्न वर्गों के लोग एकत्रित हुए और सामूहिक रूप से जल संरक्षण पर आगे बढ़ने का संकल्प लिया गया । सम्मेलन के विषय वस्तु को रखते हुए विश्वास उखाड़ जन आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने कहा की पूरी दुनिया में जल के संकट के कारण अशांति खेलने वाली है इसको रोकने के लिए सभी वर्गों के लोगों को एक साथ आना पड़ेगा तभी शांति कायम रहेगी । हिमालयन रिवर बेसिन काउंसिल के अध्यक्ष इंदिरा खुराना ने कहा कि किसी ने नहीं सोचा था की जलवायु परिवर्तन का प्रभाव इतनी जल्दी हम सब को प्रभावित करेगा लेकिन जिस तरह से उसका प्रभाव बढ़ रहा है वह भविष्य की चिंता है और इसको दूर करने के लिए समाज के सभी वर्ग एक साथ आ रहे हैं सुखद है।

 

कार्यक्रम के संयोजक मौलाना अब्दुल हाशमी ने कहा कि धर्म गुरुओं की भी चिंता है कि प्रकृति के संरक्षण में वह समाज के साथ खड़े हो ताकि जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर समाज जागृत हो सके । इस सम्मेलन में उड़ीसा से आए महानदी बचाओ आंदोलन के संयोजक सुदर्शन दास महाराष्ट्र के पुणे से हाय विनोद बोधनकर बिहार के पटना से आए नीरज कुमार अनिल सागर अरुण बी देकर बौद्ध धर्म के आचार्य सी पूर्ण टॉक श्री महंत विवेकानंद ब्रह्मचारी आदि प्रमुख लोगों ने अपने विचार रखे जन-जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने कहा कि अब समय है कि सभी धर्म और वर्ग के लोगों को एक साथ मिलकर जल संरक्षण के काम को व्यापक स्तर से आगे बढ़ाने की जरूरत है।

कार्यक्रम में धर्म गुरु स्वामी सुशील गोस्वामी,जैन धर्म से विवेक मुनि, यहूदी धर्म से इजजआक मालेकर, इस्लाम धर्म से मौलाना ए आर शाहीन हासमी ,
सुबोध नंदन शर्मा सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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