हृदय में बैठे श्याम का सुमिरन करें : स्वामी परमानन्द जी

गोपियों को दर्शन देने वाले भगवान अंध विश्वास नहीं: स्वामी ज्योतिर्मयानंद

श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन सुनाई कंस वध व रुक्मणी विवाह की कथा

झांसी। युग पुरुष महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद ने बताया कि कभी-कभी हमारी बेटियों के विवाह गलत जगह हो जाते हैं। श्रीरुक्मणी जी का विवाह हमें शिक्षा देता है कि हमें अपनी बेटियों के लिए सही वर चुनना चाहिए उसके लिए योग योगेश्वर श्री कृष्ण जी ने यह तरीका अपनाया था। उन्होंने कहा हृदय में बैठे श्याम का सुमिरन करें। हो सकता है शुरू में यह न माने लेकिन बाद में धीरे-धीरे वह मान जाएगा और एक बार यदि वह मान गए तो अपनी आत्मा का विवाह परमात्मा के साथ स्वतः ही हो जाएगा।

अखंड परमधाम सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के 6वें दिवस महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद ने श्रीमद् भागवत कथा कंस वध व रुक्मणी विवाह की कथा को विस्तार से सुनाया। उन्होंने कहा कि गोपियों को दर्शन देने वाले भगवान अंध विश्वास नहीं हो सकते। यदि वह गोपियों को दर्शन दे सकते हैं तो आपको भी दे सकते हैं। बस उस भाव की आवश्यकता है।

कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद ने श्रीमद्भागवत कथा का रसास्वादन कराते हुए बताया कि नेताओं के खून में दुष्टता भरी हुई है तभी तो धर्म को अफीम कह रहे हैं। वे ऐसा इसलिए कह पा रहे हैं क्योंकि हम कई जातियों में बंटे हुए हैं। संसार के लोग दिखा दिखा कर देते हैं लेकिन भगवान जब देता है तब दिल खोलकर देता है। आज भगवान का सबसे बुद्धिमान जीव मनुष्य भगवान जब देता है तो उन्हीं के लिए पुजारी किराए पर रख लेते हैं। जिस प्रकार जीवन में दिनचर्या के लिए समय निकालते हैं। वैसे ही ईश्वर के लिए थोड़ा थोड़ा समय निकालते रहोगे तो अकेलापन महसूस नहीं करोगे और न ही आत्महत्या जैसा कदम उठाओगे।

07 दिन की कथा तो एक परंपरा है लेकिन इसका उद्देश्य यह है कि आप अपने जीवन में सत्य खोज लो,जिस दिन आप सत्य को जान लोगे। मृत्यु पर विजय पा लोगे समझ लीजिए आप ने कथा सुन ली। यह लोगों को अलग समय मे प्राप्त हो सकता है। यदि कोई भगवान श्रीराम को गाली दे तो ऐसे नेताओं को हमारा कोई समर्थन नहीं होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर तारीफ की तो दूसरी ओर रामभक्तों पर गोलियां चलवाने वाली तत्कालीन सरकार और नेताओं की निंदा भी की।

भगवान श्रीकृष्ण के खो जाने पर गोपियों द्वारा गाए जाने वाले गोपी गीत को गोपियों ने ही रचा था। यदि किसी को भगवान न मिला होता तो हम अंध विश्वास समझकर छोड़ देते। लेकिन जब गोपियों को योग योगेश्ववर श्रीकृष्ण मिल सकते हैं तो आपको भी मिल सकते हैं। बस आवश्यकता है तो केवल गोपियों जैसे भाव की। उन्होंने श्रीकृष्ण द्वारा ब्रज छोड़कर मथुरा जाने की कथा का मार्मिक वर्णन करते हुए मां यशोदा, नंदबाबा, श्रीराधिका जी व गोपियों के विरह का भावपूर्ण कथा का श्रवण कराया, इसके बाद नंदनदान।

 

जब भावुक हुए सांसद
कथा सुनने पहुंचे सांसद अनुराग शर्मा भावुक हो उठे। उन्होंने मंच से कहा कि वोट बैंक की राजनीति देश को टुकड़ों में विभाजित कर देती है। आज आप जैसे संतों की वजह से भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है।

 

ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष अनूप अग्रवाल, महामंत्री पुनीत अग्रवाल,श्रीमती ममता अग्रवाल,सुरेश गुप्ता,भरत बट्टा, डॉ राजकुमार व्यास, श्रीमती उमा व्यास,आरती सोनी,श्रीमती मधु गुप्ता,श्रीमती माधुरी-ओम प्रकाश शर्मा परीक्षित,यश दीप निरंजन,सिद्धनाथ टंडन,रामनारायन शर्मा,श्रीमती इंदु अरोरा,अवधेश पाठक,अरुण अग्रवाल,विनोद बट्टा आदि ने उपस्थित रहे।

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