आरबीएसके की मदद से झाँसी में हुआ बस्ती के बच्चे का निशुल्क ऑपरेशन

दो दिन पूर्व डिस्चार्ज हुए बच्चे के पिता धर्मपाल ने कहा: विश्वास नहीं हो रहा

झाँसी : बस्ती जिले के बनकटी ब्लॉक के मुंडेरवा कस्बे के रहने वाले धर्मपाल के बच्चे का ऑपरेशन आरबीएसके की टीम के द्वारा झाँसी में किया गया। इससे पहले उसे बस्ती से गोरखपुर, गोरखपुर से लखनऊ और फिर झांसी लाया गया। धर्मपाल का अपने बच्चे के ऑपरेशन कराने का यह सफर आसान नहीं रहा। हालांकि खुशी इस बात की है कि बच्चे को ऑपरेशन के बाद दो दिन पूर्व ही डिस्चार्ज कर दिया गया है। बच्चे के पिता धर्मपाल ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उनके बच्चे का इतने अच्छे से ऑपरेशन हो गया है।

पेशे से गैस चूल्हे की मरम्मत का कार्य करते हैं। लगभग 11 माह पहले उनके घर बेटे का जन्म हुआ। उनको पहले से एक बेटा और एक बेटी हैं। इस बार बच्चे को देखकर पूरा परिवार घबरा गया। धर्मपाल बताते हैं कि बच्चे के सिर और पीठ दोनों जगह उभार जैसा कुछ था, उन्हे नहीं पता था कि उनका बच्चा न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से पीड़ित है और इसका उपचार जल्द होना बहुत जरूरी था। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने धर्मपाल के बच्चे को बस्ती जिला अस्पताल ले जाने को कहा, वहां से उसे गोरखपुर रेफर कर दिया गया ।

गोरखपुर में इसका उपचार न होने पर धर्मपाल को लखनऊ दिखाने के लिए बताया गया। पैसों की व्यवस्था और बंदोवस्त करते हुये धर्मपाल को समय लग गया और तब तक कोविड भी हमारी जिंदगी में घर कर चुका था। ऐसे में एक रोज धर्मपाल ने सोचा कि जब तक उपचार नहीं हो रहा है तब तक बच्चे के टीके ही लगवा दिये जाएं , इस संबंध में जब उन्होंने अपने क्षेत्र की एएनएम से संपर्क किया तो उसके जरिये धर्मपाल को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के बारे में पता चला। एएनएम ने बच्चे की तस्वीर आरबीएसके टीम को भेजी और इसके उपचार की सलाह ली। आरबीएसके से संपर्क में आने के बाद धर्मपाल को मार्च 2021 में झांसी में ऑपरेशन कराने के लिए बोला गया। जब धर्मपाल यहां आए तो कोविड भी अपनी चरम पर पहुंच चुका था और सारे ऑपरेशन रोक दिये गए थे। जून में कोविड की लहर कम होने पर धर्मपाल फिर झांसी आए और एक जुलाई को उनके बच्चे की एक साथ दो सर्जरी करके जान बचाई गयी।

आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर डा.रामबाबू के अनुसार बच्चा अब पूरी तरह ठीक है और उसको दो दिन पहले डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। डा.रामबाबू ने बताया कि न्यूरल ट्यूब जैसी विसंगति बच्चों के लिए बहुत खतरनाक होती है उनकी जान और उम्र भर की दिव्यांगता का डर बना रहता है। महिलाओं में फॉलिक एसिड की कमी के चलते उनके गर्भ में पल रहे बच्चों को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट जैसी विसंगति से जूझना पड़ता है। इस तरह की विसंगति से अपने बच्चो को बचाने के लिए महिलाएं गर्भावस्था के समय आयरन फॉलिक एसिड की गोलियां जरूर लें।

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