क्यों नहीं धोने चाहिए भोजन की थाली में हाथ ?
योगेश पटैरिया
झांसी। हमारे धर्म शास्त्रों मे ऐसी बहुत सी बातें लिखी हैं, जिन्हें जानना हमारे लिए अति आवश्यक है। मगर आधुनिकता में खोई वर्तमान पीढ़ी की बात करें तो ये अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। इसलिए हम आपको ऐसी ही एक बात बताने जा रहे है जिसके बारे में जानना हर किसी के लिए बहुत आवश्यक है। कुछ लोग खाना खाते समय एक ऐसी भूल कर बैठते हैं, जिसका परिणाम ठीक नहीं होता है।
जी हां, बहुत से लोगों में ये आदत होती है कि वे भोजन करने के बाद थाली में ही हाथ धो लेते हैं। आखिर भोजन करने के बाद थाली में हाथ क्यों नहीं धोने चाहिए,इसके पीछे शास्त्रों बड़ा तर्क दिया है। शास्त्रों के अनुसार ऐसा करना अनुचित माना जाता है। कभी भी भोजन के बाद थाली में हाथ नहीं धोने चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के लिए ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इसके अलावा ये भी माना जाता है कि थाली में हाथ धोने से उसमें बचे हुए अन्न का अनादर होता है। भोजन की थाली में हाथ धोने से देवी लक्ष्मी और देवी अन्नपूर्णा का अपमान होता है और वे नाराज होती हैं, जिससे घर में दरिद्रता आती है।
शास्त्रों में अग्नि को मुख्य देवता माना गया है। साथ ही ये बताया जाता है कि यज्ञ में अर्पित की जाने वाली साम्रगी देवताओं को भोजन के रूप में प्राप्त होती है। इसलिए भोजन का विशेष महत्व माना गया है। तो वहीं कई अन्य पुराणों में अन्न का अपमान करना पाप माना गया है।
शास्त्रों में भोजन की थाली हमेशा चटाई, पाट आदि पर सम्मानपूर्वक ही रखनी चाहिए। इसके अलावा भोजन की थाली को कभी एक हाथ से नहीं पकड़ना चाहिए। इससे जुड़ी मान्यताओं की बात करें तो एक हाथ से पकड़ने से खाना प्रेत योनि में चला जाता है। तो वहीं थाली में जूठन छोड़ना भी अशुभ माना जाता है। इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए कि भोजन से पहले भगवान का ध्यान लगाएं, ऐसा करना उत्तम होता है। साथ ही जितना संभव हो भोजन को धरती पर बैठ कर ही ग्रहण करना चाहिए। अंगूठे के नाखून के बराबर ग्रास को चबा चबा कर धीरे-धीरे खाना चाहिये और खाने के बाद एक घंटे पानी नहीं पीना चाहिए। इस नियम को अपनाने पर छः माह में समस्त उदर रोगों से मुक्ति मिल जाती है। मन में उत्साह और मुख पर तेज आ जाता है। आखिर में आपको बता दें कि खाना खाते समय क्रोध, बातचीत या अजीब सी आवाजें नहीं निकालनी चाहिए।