बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर झांसी किले से निकाली गई रानी झांसी बलिदान ज्योति यात्रा

झांसी। राष्ट्रभक्त संगठन के तत्वाधान में झांसी किले के मुख्य द्वार से रानी झाॅसी के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर केन्द्रीय अध्यक्ष अंचल अड़जरिया के नेतृत्व में विशाल बाईक बलिदान ज्योति यात्रा प्रारम्भ हुई । बलिदान ज्योति यात्रा झाॅसी किले के मुख्य द्वार से प्रारम्भ होकर मिनर्वा चैराहा, रानीमहल,सुभाष गंज, बड़ाबाजार, मालिनो का तिराहा, मानिक चैक, सिंधी तिराहा, कोतवाली, पंचकुईया, खण्डेराव गेट से होकर इलाईट पहुंचेगी जहां दो पहिया वाहनों को रोक दिया जायेगा । इलाईट चार पहिया वाहनों पर सवार होकर बलिदान ज्योति यात्रा ग्वालियर के लिए प्रस्थान करेगी। यात्रा में सैकड़ों की संख्या में राष्ट्रभक्त संगठन के कार्यकर्ता रानी झाॅसी अमर रहे, रानी तेरा यह बलिदान नही भूलेगा हिन्दुस्तान आदि नारे लगाते हुये चल रहे थे। डीजे पर रानी झाॅसी से सम्बन्धित खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाॅसी वाली रानी थी गीत बज रहा था ।

जिस पर पैदल चलने वाले कार्यकर्ता थिरक रहे थे । बलिदान ज्योति यात्रा ग्वालियर पहुंचने के बाद रानी झाॅसी के समाधि स्थल पर तीन दिवसीय मेला शुरू होता है। ग्वालियर में ज्योति से ही समाधि स्थल की ज्योति प्रज्जवलित की जाती है। झाॅसी से गई ज्योति को ग्वालियर किले के पास मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री लेते है उनके नेतृत्व में यह यात्रा ग्वालियर में 10 किमी0 चलने के बाद रानी झाॅसी समाधि स्थल पहुंचती है जिसके बाद तीन दिवसीय मेले का शुभारम्भ किया जायेगा। तीन दिवसीय मेले में रानी झाॅसी के युद्ध के समय के समस्त सैन्य कौशल के हथियारों का प्रदर्शन होता है। यात्रा में प्रमुख रूप से अर्पित शर्मा, राहुल, के0पी0 ठाकुर, हनी, प्रियांशु, साहिल मिश्रा, मनीष सविता, सोनू रायकवार, अमर, अमन, राहुल नगौरिया, राहुल भगत जी, राहुल अहिरवार, मनोज अहिरवार, मनोज कुशवाहा, गनेश कुशवाहा, प्रियांश खटीक, प्रिय वाल्मीकि, आर0के0 दुबे आदि उपस्थित रहे।

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