स्वामित्व योजना में लापरवाह लेखपालों को चिन्हित कर प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाए

पेयजल समस्या के दृष्टिगत जनपद के समस्त अधिशासी अधिकारी अपने फोन नंबरों को सार्वजनिक करें

 

झांसी। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार द्वारा विकास भवन सभागार में कर-करेत्तर एवं राजस्व कार्याें की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने समस्त अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने फोन नंबर सार्वजनिक करें ताकि क्षेत्र में पेयजल की समस्या के संबंध में आम जनमानस द्वारा अवगत कराया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि फोन अवश्य रिसीव करें और तत्काल समस्या का निस्तारण करना सुनिश्चित करें। पेयजल से संबंधित शिकायत अगर सामान्य जन द्वारा मुझे प्राप्त होती है तो संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

जिलाधिकारी ने कर-करेत्तर एवं राजस्व कार्यो की समीक्षा करते हुए समस्त विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने वार्षिक लक्ष्य की पूर्ति के लिए अभी से रणनीति बनाते हुए कार्य करना सुनिश्चित करें ताकि शासन द्वारा दिए गए वार्षिक लक्ष्य की पूर्ति की जा सके। बैठक में उन्होंने बताया कि तहसील टहरौली एवं गरौठा में धारा-67 के प्रकरण अधिक संख्या में लम्बित है। उन्होंने तहसीलदार, टहरौली एवं गरौठा पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए गए कि तत्काल अधिक से अधिक प्रकरणों का निस्तारण करना सुनिश्चित किया जाए। तहसील टहरौली में भूमि आवण्टन लक्ष्य के सापेक्ष न होने के कारण नाराजगी व्यक्त करते हुये निर्देश दिए कि तत्काल भूमि आवण्टन लक्ष्य के सापेक्ष किये के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वामित्व योजना भारत सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही अथवा शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्वामित्व योजना की समीक्षा करते हुए बताया कि तहसील टहरौली एवं तहसील गरौठा में तकनीकि कारण से प्रारूप-10 लम्बित हैं एवं घरौनी जारी नहीं हो पाई हैं। इससे परिलक्षित होता है कि सम्बन्धित लेखपालों द्वारा प्रारूप-05 भरते समय लापरवाही की गई हैे। निर्देश दिए गए कि ऐसे लेखपालों को चिन्हित कर लिया जाए। यदि किसी लेखपाल द्वारा बड़ी संख्या में जानबूझकर त्रुटियां की गई हैं, तो ऐसे लेखपाल को प्रतिकूल प्रविष्टि देकर सर्विस बुक में लाल कलम से इसका अंकन किया जाए। कृषक दुर्घटना बीमा योजना के आवेदन पत्रों की निस्तारण की समीक्षा करने के दौरान पाया गया कि तहसील टहरौली में सर्वाधिक 48 आवेदन पत्र लम्बित हैं। उन्होंने निर्देश दिए गए कि समस्त आवेदन पत्रों की अविलम्ब जांच कर जांच आख्या जिला मुख्यालय को उपलब्ध कराई जाए, ताकि किसान को योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जा सके। जिलाधिकारी ने उपस्थित समस्त विभागों के विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा होने के सम्बन्ध में जांच अवश्यक कर लें। यदि भूमि पर अवैध कब्जा है तो धारा 67 उ.प्र. राजस्व संहिता, लोक सम्पत्ति क्षति निवारण अधिनियम एवं अपराधिक ट्रेसपास के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज करायें तथा इसकी सूचना अवश्य उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यदि कोई अवैध कब्जा न पाया जाए, तो समस्त विभाग द्वारा भूमि पर कोई कब्जा न होने के सम्बन्ध एक प्रमाण पत्र उपलब्ध करायें।

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