बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अदरक उत्पादन पर उच्च स्तरीय वैज्ञानिक परिचर्चा : डॉ. सत्यवीर

झांसी। बुधवार को उतर प्रदेश साशन के आदेशनुसार उप निदेशक उद्यान कार्यालय – नारायण बाग़, झाँसी में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अदरक उत्पादन पर उच्च स्तरीय वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन उप निदेशक उद्यान विनय कुमार यादव ने अध्यक्षता करते हुए बुन्देलखण्ड क्षेत्र में औषधीय फसल अदरक के उत्पादन, प्रोसेसिंग एवं विपणन को बढ़ावा देने के लिए बैठक/परिचर्चा आयोजित की गई।

 

बैठक में डॉ. सत्यवीर सिंह (सहा. आचार्य बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी) ने अदरक की बीज उपलब्धता, गुणवत्तायुक्त बीज, बुवाई के तरीकों के साथ ही पैकेज ऑफ़ प्रैक्टिसेस पर चर्चा की। बैठक में उपस्थित रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के सहा. प्राध्यापक डॉ. प्रशांत जाम्भूलकर ने अदरक फसल में लगने वाली प्रमुख बिमारियों जैसे राइजोम रॉट के साथ ही राइजोम फ्लाई आदि के उपचार के लिए ट्राईकोडर्मा को गोबर की खाद या नीम की खली के साथ खेत में बुवाई से पूर्व मिला लें और बीज को हॉट वाटर ट्रीटमेंट करने से इन बिमारियों से सुरक्षा प्रदान की जा सकती है। साथ ही रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के ही सहा. प्राध्यापक डॉ. अर्जुन लाल ओला ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र की अदरक की स्थानीय प्रजातियों को बढावा देने के लिए प्रजातियों को चयन माध्यम से विकसित करने से प्रजातियों में सुधार करके उत्पादन को बढाया जा सकता है। परिचर्चा के दौरान डॉ. आदेश कुमार (विषय विशेषज्ञ – पादप सुरक्षा, कृषि विज्ञानं केंद्र भरारी, झाँसी) ने राइजोमयुक्त फसलें जैसे – अदरक और हल्दी में लगने वाले विल्ट और पिथियम से बचाव के लिए सौरकरण या रेडोमिल रसायन द्वारा गर्म पानी में 10 मिनट तक राइजोम को भिगोकर छांव में रखकर फिर बुवाई करने से राइजोम में लगने वाली सभी बिमारियों से निजात मिलेगी। जिला उद्यान अधिकारी प्रशांत सिंह ने कास्ट ऑफ़ कल्टीवेशन के साथ ही बताया की सर्वे के माध्यम से अदरक उत्पादन को और अधिक क्षेत्र में विस्तार करने से बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अदरक उत्पादन क्षेत्र को बढाया जा सकता है। बैठक में ही उपस्थित डॉ. निर्वेश सिंह (कीट विज्ञानी – एचइटीसी, बरुवासागर – झाँसी) ने अदरक में लगने वाले प्रमुख कीटों से बचाव के विषय में चर्चा की। डॉ. वी. पी. सिंह (साइट्रस विशेषज्ञ – झाँसी) ने अदरक के गुणवत्ता युक्त बीज प्रबन्धन पर अपने विचार रखे। बैठक में प्रमुख रूप से आर. बी. सिंह (तकनिकी सहायक – डीडीएच – झाँसी) और गुरुदयाल (परियोजना सहायक – बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी) आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *