सम्भावित बाढ़ के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के लिए व्यवस्थाएं की जाएं चुस्त-दुरूस्त

जनपद की 40 बाढ़ चौकियों को एलर्ट रहने के निर्देश, सभी संसाधन हों उपलब्ध

झांसी। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने जनपद व आसपास हो रही लगातार बारिश के दृष्टिगत चेक डैम से छोड़े जा रहे पानी के कारण उत्पन्न सम्भावित बाढ़ के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य से सम्बन्धित विभिन्न विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया।

संभावित बाढ़ के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी आपदा के आने से पूर्व व बाद की स्थिति से निपटते हुए जनसमुदाय को राहत पहुंचाना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होने कहा कि विगत वर्षो में आयी बाढ़ अथवा बांधों से वर्षा जल छोड़े जाने के कारण बाढ़ जैसी स्थिति के अनुभव के आधार पर जो गॉवों बाढ़ से प्रभावित हुए , सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उन गांवों का दौरा एवं गांव वालों से सीधा संवाद स्थापित करते हुए राहत एवं बचाव कार्य के लिए पूरी तैयारी चाक-चौबन्द कर लें। जिलाधिकारी ने संभावित बाढ़ के दृष्टिगत निर्देश दिए कि ऐसे क्षेत्र जहां पर दुर्घटनाओं की संभावना प्रबल रहती है वहां पर चेतावनी के बोर्ड लगाए जाएं और लोगों को नदी किनारे व गहरे पानी में जाने से रोका जाए।

 

उन्होंने इस मौके पर ग्राम प्रधान, लेखपाल, ग्राम सचिव तथा रोजगार सेवक को भी निर्देशित किया कि लोगों को ऐसी दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र में जाने से रोका जाए। उन्होंने अधिशासी अभियंता बाढ़ कार्य खण्ड को निर्देश दिया है कि वे जिले में स्थापित सभी संवेदनशील बांधों पर पैनी नजर रखें। उन्होने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले गॉव में राहत शिविर की स्थापना अधिकारियो -कर्मचारियों की तैनाती, नाव एवं नाविक की सूची, ब्लाक एवं ग्राम आपदा प्रबन्धन समिति का गठन, जीवनरक्षक उपकरण, मोटरवोट आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। उन्होने बाढ़ खण्ड के अभियंताओं को निर्देश दिया है कि सभी बन्धों के उचित स्थान पर पर्याप्त बोल्डर, बालू की बोरी, नाइलान एवं जियायीक्रेट की व्यवस्था करें। उन्होने विद्युत विभाग के अभियन्ताओं को निर्देश दिया कि बाढ़ क्षेत्र में बिजली के खम्भे एंव तारों को मजबूत करें। बाढ़ आने की स्थिति में विद्युत आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था भी करें।उन्होने राहत वितरण/खाद्यान्न सामाग्री का पैकेट आदि वितरण के सम्बन्ध में जो व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जानी है उन्हें कर लिया जाए। उन्होने निर्देश दिए कि जनपद की सभी 40 बाढ़ चौकियों पर स्वास्थ्य टीम की व्यवस्था के साथ-साथ बरसात के दिनों में होने वाली संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु तथा यदि किसी भी व्यक्ति के बाढ़ के दौरान सांप काट लेता है तो उनसे बचाव हेतु एंटीवेनम सहित अन्य व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरूस्त रखा जाए। सम्भावित बाढ़ को देखते हुए पशुओं को चारे की कोई दिक्कत न होने पावे, इसके लिए भूसा के इंतेजाम की आवश्यक कार्यवाही तथा पशुओं को बरसात के दिनों में होने वाली बीमारियों के बचाव हेतु शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने हेतु मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को निर्देश दिया। जनपद में बुंदेलखंड बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना बेतवा परिसर बेतवा भवन में की जा चुकी है। कक्ष का फोन नंबर – 05102332580 है।

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