एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन देने से मासूम की मौत

चित्रकूट/झांसी। वैसे तो सरकारी अस्पतालों में लापरवाही के मामले आना अब आम बात हो गई है। कहने को उपमुख्यमंत्री आए दिन अस्पतालों का दौरा करते नजर आते हैं पर लापरवाही रुकने का नाम नहीं ले रही। हाल ही में ताजा मामले में बुंदेलखंड के चित्रकूट जिला अस्पताल इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां अस्पताल में मरीजों के साथ होने वाली लापरवाही लगातार बढ़ती जा रही है। यहां चार दिन पहले जहां एक डॉक्टर की लापरवाही से एक प्रसूता की मौत हुई थी। पिछला मामला शांत नहीं हुआ था कि एक बार फिर हॉस्पिटल पर लापहरवाही के चलते मासूम की मौत का आरोप लगा है। आरोप है कि अस्पताल में भर्ती एक 9 माह की मासूम बच्ची की एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगाने से मौत हो गयी. फिलहाल चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुधीर शर्मा और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. भूपेश द्विवेदी ने इस मामले में फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स और वार्ड बॉय को निलंबित कर दिया है।

 

जानकारी अनुसार मामला जिला अस्पताल चित्रकूट का है। यहां धनेश श्रीवास्तव ने अपनी 9 माह की बेटी शिवांगी को बीमार होने के कारण भर्ती कराया था। आरोप है कि आज सुबह बच्ची को इलाज के दौरान एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन दिया गया। जिससे मासूम की तड़प तड़प कर मौत हो गयी। घटना के बाद परिजनों ने हंगामा काटा तो खानापूर्ति के लिए सीएमएस डॉ. सुधीर शर्मा ने ड्यूटी में तैनात फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स और वॉर्ड बॉय को निलंबित कर दिया है। बच्ची के पिता धनेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल में मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जाता है। इसी लापरवाही के चलते उनकी बेटी की जान चली गयी। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

 

वहीं, घटना को लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुधीर शर्मा ने अफ़सोस जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि यह दुखद घटना है। वहीं, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. भूपेश द्विवेदी ने जांच करने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है. हालांकि, पहले की तरह इस प्रकरण में भी चिकित्सा अधीक्षक ने बचाव का प्रयास किया है। उन्होंने एक्सपायरी डेट की दवा के स्टोर ना होने का दावा किया है।

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