पशुपालन विभाग के अपर निदेशक की शिकायत कर्मचारियों ने डीएम से की

झांसी। पशुपालन विभाग के अपर निदेशक के भ्रष्टाचार के खिलाफ पशुधन प्रसार अधिकारी संघ तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल दिया। अपर निदेशक की कार्यशैली से परेशान इन कर्मचारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। साथ ही ज्ञापन देकर पूरे मामले की जांच करने व अपर निदेशक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की।
जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी को ज्ञापन देने पहुंचे कर्मचारी नेताओं अर्जुन सिंह सेंगर व रामकुमार खरे आदि ने बताया कि पिछले दिनों राजकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र भरारी में लगभग 100 मुर्गे-मुर्गियों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद मामले की जांच शुरू हो गई है और अपर निदेशक द्वारा इस पूरे मामले का ठीकरा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर फोड़ा जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि इन मुर्गे-मुर्गियों को दानों की आपूर्ति अपर निदेशक द्वारा नहीं की जाती थी। इन मुर्गे-मुर्गियों की मौत भूख के कारण हुई। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि मुर्गे-मुर्गियों की मौत के बाद अपर निदेशक ने सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अपने पास बुलाया और सभी से यह लिख कर देने को कहा कि मुर्गे-मुर्गियों को दाना दिया जा रहा था। जब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने मना किया तो अपर निदेशक ने उन्हें सस्पेंड करने की धमकी दी। कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि अपर निदेशक द्वारा महिला कर्मचारियों का मानसिक शोषण भी किया जाता है। यहां तक कि निरीक्षण के नाम पर उन्हें अकेले मिलने के लिए कहा जाता है। कर्मचारियों के अनुसार अपर निदेशक पर पद का अतिरिक्त कार्यभार है, जबकि उनका मूल पद भरारी फॉर्म में तकनीकी अधिकारी है। जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में पूरे प्रकरण की जांच कराकर अपर निदेशक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है। जिलाधिकारी ने मामले में जांच का आश्वासन दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *