मध्यम वर्ग की आवाज बनकर अनशन पर बैठे तारा पाटकर

महोबा (आलोक शर्मा)। आल्हा चौक में मध्यम वर्ग की आर्थिक कमजोरियों, राजनैतिक, प्रशाशनिक उदासीनता को लेकर बिजली बिल माफ करने, डीजल और पेट्रोल के दामों को कम करने तथा सरकारी अस्पताल में स्टाफ बढ़ाने , मध्यम बर्ग के बच्चों की पढ़ाई की परेशानियों जैसी बहुत सी समस्याओं से सम्बंधित मांगों को लेकर बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने मध्यम वर्ग के उत्पीड़न की समस्या को नजरअंदाज करने के विरोध में मध्यम वर्ग के समर्थन में उपवास शुरू किया है।

 

उन्होने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की कि वे मध्यम वर्ग की और उपेक्षा न करें। कहा कि कोरोना काल की मार सबसे ज्यादा मध्यम वर्ग पर पड़ी है , सरकार के द्वारा अन्य वर्गों को अनाज, गरीबी भत्ता , एवं अन्य बहुत सी प्रकार की मदद कॅरोना काल मे एवं अन्य समय पर भी की जाती रहती है लेकिन सरकार ने मध्यम वर्ग को कभी भी किसी योजना के द्वारा कोरोना काल हो या उसके बाद अभी तक किसी भी प्रकार की कोई राहत नहीं दी है, आज समाज मे सबसे ज्यादा उपेक्षित मध्यम वर्ग ही है जो कि आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हो चुका है, मध्यम वर्ग वही वर्ग है जिसने अपने हुनर के माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग को बल प्रदान किया है , मध्यम वर्ग का भी दायरा बहुत बड़ा है जिसको सरकारों ने हमेशा कमतर आकां है आज बच्चों को पढ़ाने के समस्या, निश्चित रोजगार की समस्या , समुचित इलाज की समस्या , मंहगाई की समस्या से सबसे ज्यादा यही वर्ग पीड़ित है जिसके परिणामस्वरूप आज जगह जगह परिवारों के द्वारा सामूहिक आत्महत्या जैसी घटनाएं लगातार सुनने को मिल रही है ।

 

अगर सरकारों द्वारा मध्यम वर्ग को यूँ ही उपेक्षित रखा गया एवं किसी भी प्रकार की कोई राहत प्रदान नहीं की है। बुंदेली समाज के द्वारा ये आंदोलन उपवास के रूप में जो कि प्राथमिक तौर पर एक हफ्ते तक आल्हा चौक में चलेगा। इसके बाद वह चरखारी, कुलपहाड़, बेलाताल, कबरई व श्रीनगर में एक एक दिन का उपवास करेंगे एवं समस्याओं को डीएम, विधायक और सांसद के माध्यम से शासन तक पहुंचाएंगे।

यदि फिर भी इस आंदोलन पर सरकारों ने मध्यम वर्ग को कोई राहत प्रदान नहीं की तो ये आंदोलन जल्द ही बुंदेलखंड स्तर एवं प्रदेश स्तर पर बृहद रूप में किया जायेगा । इस मौके पर बुंदेली समाज के सहयोगी रूप में
महामंत्री डा. अजय बरसैया, देवेंद्र तिवारी, गया प्रसाद, जसवंत सिंह सेंगर, सुरेश बुंदेलखंडी, हरिओम निषाद, अशोक पाटकर, बृजेश वर्मा उर्फ गुल्लू, अरुण तिवारी व आनंद सोनी आदि मौजूद रहे।

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