मुलायम के दम पर यूपी में सत्ता के शीर्ष पर पहुंची साइकिल में लगा बैक गियर

यूपी में पुराना जनाधार पाना सपा के लिए बड़ी चुनौती

लखनऊ (अवनीश अवस्थी)।अखाड़े में कुश्ती के दांव में माहिर मुलायम सिंह यादव जब सियासत के अखाड़े में उतरे तो दमदार पहलवान बनकर उभरे थे।चंबल के बीहड़ से सटे इटावा से फर्राटा भरते हुई निकली साइकिल में समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव प्रयासों के ऐसे पैडल मारते गए कि प्रदेश में सत्ता का शिखर कई बार चूमा।

 

1992 में सपा के गठन के बाद शुरुआत के चार लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन का ग्राफ ऊपर उठता गया।उसके बाद ऐसा बैक गियर लगा कि चुनाव दर चुनाव वोट प्रतिशत गिरता चला गया और सीटें भी कम होती चली गईं।दूसरे राज्यों में भी लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाई, लेकिन साइकिल चल नहीं पाई।एक दो सीटों पर ही सफलता मिली।सपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सीटें बढ़ाने की रणनीति बनाई है, लेकिन सपा के सामने अपना पुराना जनाधार पाने की बड़ी चुनौती है।

 

सपा ने 1996 में पहले ही लोकसभा चुनाव में 16 सीटों पर जीत दर्ज कर 20.84 प्रतिशत वोट हासिल किया था।सपा ने बिहार में एक सीट पर जीत दर्ज की थी।ये वह वक्त था जब लड़ाई त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय होती थी। कम वोट प्रतिशत में भी अधिक सीटें मिल जाती थीं। प्रदेश में समय के साथ-साथ सपा ने यादव और मुस्लिम मतों पर अपनी पकड़ बना ली थी।इसी का नतीजा है कि 1998 के दूसरे लोकसभा चुनाव में सपा 28.7 से अधिक मत पाकर 20 सीटों पर सफलता हासिल थी।

 

1999 में भी सपा ने 13 राज्यों की 151 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेक‍िन उसे उत्तर प्रदेश की 26 सीटों के अलावा किसी भी प्रदेश में सफलता हासिल नहीं कर पाई थी।सपा को देश में कुल 3.76 प्रतिशत वोट मिला था।सपा के लिए सीटों के लिहाज से सबसे अच्छा प्रदर्शन 2004 का लोकसभा चुनाव रहा था, उस समय 26.74 प्रतिशत मत मिले थे।35 सीटें जीती थी।

 

2019 में सपा ने बसपा के साथ गठबंधन कर 37 सीटों पर लड़ा था। इस गठबंधन का सपा को कोई खास फायदा नहीं मिला था।सपा को 2014 के चुनाव की तरह ही सिर्फ पांच सीटें ही मिली थीं। वोट प्रतिशत भी 18.11 प्रतिशत मिला था। सपा को अपने पहले लोकसभा चुनाव से भी लगभग साढ़े तीन प्रतिशत से अधिक वोट कम मिला था।

 

वोट के लिहाज से सपा का 2022 का विधानसभा चुनाव अब तक का सबसे अच्छा रहा है।सपा को‌ अब तक का सबसे अधिक 32.06 प्रतिशत वोट मिला था। बरहाल सपा को सीट 111 ही मिली थीं। सपा ने 2012 के विधानसभा चुनाव में 29.13 प्रतिशत वोट पाकर 224 सीटों पर सफलता प्राप्त करते हुए सरकार बना ली थी। इस बार सपा का कांग्रेस के साथ गठबंधन है। आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का हाथ साइकिल को कितनी रफ्तार दे पाता है यह तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे। बरहाल सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का दावा है कि पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फार्मूला इस बार एनडीए को हराएगा।

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