पानी पाठयशाला के साथ मऊरानीपुर में दो दिवसीय “जल कोष यात्रा“ का समापन

विकास खण्ड मऊरानीपुर में “जल कोष यात्रा“ निकाली, उच्च प्राथमिक विद्यालय में लगी पानी पाठयशाला
“जल की उपयोगिता एवं महत्व“ विषय पर संगोष्ठी सहित नुक्कड़ नाटक दिखांकर दिया जल संरक्षण का संदेश
जल योद्धा पद्मश्री श्री उमाशंकर पाण्डेय ने बुंदेखलों की धरती से जल क्राांति को जन क्राांति बनाना की अपील की

झाँँसी। गांव का पानी गांव में, खेत का पानी खेत में के संदेश के साथ लखनऊ से जनपद पहुंची “जल कोष यात्रा“ अपने दूसरे दिन गुरूवार को विकास खण्ड मऊरानीपुर पहुंची। जहां जल कोष यात्रा का नेतृत्व कर रहे जल योद्धा पद्मश्री उमाशंकर पांडेय का समूह की महिलाओं ने जल गीत गुनगुनाकर व तिलक लगाकर भव्य स्वागत किया गया। जिसके उपरान्त “जल की उपयोगिता एवं महत्व“ विषय पर संगोष्ठी के बाद उच्च प्राथमिक विद्यालय में पानी पाठयशाला, पानी चौपाल, पौधारोपण एवं जल स्रोत की पूजा की गयी।


जल कोष यात्रा के दूसरे और अंतिम दिन मऊरानीपुर में आयोजित कार्यक्रम का आगाज “जल की उपयोगिता एवं महत्व“ विषय पर संगोष्ठी से किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि जल योद्धा पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया, तो वहीं महिलाओं ने सरस्वती वंदना के साथ जल गीत गाकर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। जिसके बाद अटल भूजल योजना के नोडल अधिकारी श्री मनीष कुमार कनौजिया ने मुख्य अतिथि जल योद्धा पद्मश्री उमाशंकर पांडेय, विशिष्ठ अतिथि प्रसिद्ध समाजसेवी अशोक श्रीवास्तव, खण्ड विकास अधिकारी सुनील कुमार सिंह, भूमि संरक्षण अधिकारी शरद चन्द्र मौर्य एवं एस0पी0एम0यू0 लखनऊ से आये साकेत श्रीवास्तव आदि अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया।

संगोष्ठी में मुख्य अतिथि जल यो़द्धा पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय ने कहा कि, जन्म से लेकर मृत्यु तक मनुष्य को पानी की आवश्यकता होती है। बिना पानी के मनुष्य के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इसके बावजूद भी हम लोग रोजमर्रा के जीवन में सैकड़ों-हजारों लीटर पानी यूहीं बर्बाद कर देते हैं। जबकि, हम सभी को पता है कि, पानी कितना अमूल्य है। लाखों-करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद भी हम एक बूंद पानी नहीं बना सकते है। इसलिए हम लोगों को चाहिए कि, अपने व्यवहार में परिवर्तन कर छोटे-छोटे प्रयासों से जल बचाने का संकल्प लें। सामुहिक जन सहभागिता से हम न केवल गिरते भूजल स्तर को रोक सकते हैं, बल्कि भूजल स्तर को बढ़ा भी सकते हैं। इसलिए हमें यह सकल्प लेना होगा कि, गांव का पानी गांव से और खेत का पानी खेत से बहकर बाहर न जाने पाये।

भूजल संचयन, भूजल संवर्धन एवं भूजल के कुशल प्रबन्धन में अटल भूजल योजना मील का पत्थर साबित हो रही है। अटल भूजल योजना से जनपद की 31 ग्राम पंचायतों में होने रहे जल संरचनाओं के निर्माण से भविश्य में बेहद सकारात्मक एवं दूरगामी परिणाम मिलेंगे। उन्होंने जनपद के विद्यालयों में पानी पाठयशाला आयोजित करने पर बल देते हुए बुंदेखलों की धरती से भूगर्भ जल विभाग के इस जल क्राांति को जन क्राांति बनाना की अपील की।

विशिष्ठ अतिथि प्रसिद्ध समाजसेवी अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि, जल ही जीवन है। जल है तो कल है। जल नहीं तो कल नहीं। क्योंकि, जल के बिना जीवन की कल्पना अधूरी है। हमें यह समझना होगा कि भूजल का संचयन एवं संवर्धन करने का दायित्व केवल सरकार का नहीं है बल्कि प्रत्येक व्यक्ति नागरिक का है। इसलिए हमें चाहिए कि हम लोग एकजुट होकर पानी की हो रही बर्बादी को रोकें। नहीं तो हमारी गलितयों का खामियाजा हमारी आने वाली पीड़ियों को भुगतना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए खण्ड विकास अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि, पानी की बर्बादी को रोकने के लिए सामुहिक प्रयास होने चाहिए। हम सब मिलकर अपने सामुहिक प्रयासों से बढ़ते भूजल के संकट को रोक सकते हैं।

 

एस0पी0एम0यू0 लखनऊ से आये साकेत श्रीवास्तव ने पानी पाठयशाला की रूपरेखा पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि, अटल भूजल योजनान्तर्गत प्रदेश के 10 जनपदों के 26 विकास खण्डों की चयनित 550 ग्राम पंचायतों में पानी पाठयशाला का आयोजन किया जा रहा है। अंत में अटल भूजल योजना के नोडल अधिकारी मनीष कुमार कनोजिया ने कहा कि, अटल भूजल योजना अन्तर्गत जनपद की 31 ग्राम पंचायतों में विभिन्न विभागों के सहियोग से अमृत सरोवर, तालाब, चेकडेम, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सहित अन्य जल संरचनाओं का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जल्द ही जनपद की चयनित ग्राम पंचायतों के चयनित 100 किसानों के खेत में लो कॉस्ट पॉली हाउस का निर्माण कराया जाएगा। इच्छुक किसानों को सरकार की ओर से 90 फीसद सब्सीडी दी जाएगी। कार्यक्रम का संचालन आई0ई0सी0 एक्सपर्ट मोहम्मद हैदर द्वारा किया गया।

 

इस मौके पर एग्रीकल्चर एक्सपर्ट शैलेश कुमार सिंह, क्षेत्र्ाीय ग्राम्य विकास संस्थान, चिरगांव के सहायक प्रभारी शब्बीर खान, परमार्थ समाज सेवी संस्थान के पंकज गौतम, सपोर्ट फॉर इम्प्लीमेन्टेशन एण्ड रिसर्च के इंद्रसेन वर्मा, राजस्थान ह्यूमन केयर फाउण्डेशन के राजकुमार, भारती विकास संस्थान के विक्रम सिंह सहित पुष्पेन्द्र कुमार, दीपक मिश्रा, अखिलेश राय, ठाकुरदास, गुलाग सिंह, राम मिश्रा, अभिषेक मिश्रा, अरविन्द निरन्जन के अलावा बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कायकर्ता, रोजगार सेवक, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं व जल वीर आदि लोग उपस्थित रहे।

 

पानी पाठयशाला लगाकर सिखाया जल संचयन का पाठ
जल कोष यात्रा के अन्तर्गत मऊरानीपुर विकास खण्ड परिसर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में पानी पाठयशाला का आयोजन किया गया। इस बीच जल योद्धा पद्मश्री उमाशंकर पांडेय, साकेत श्रीवास्तव, पंकज गौतम ने स्कूली बच्चों को जल संचयन का पाठ पढ़ाया। साथ ही भविष्य में आने वाले जल संकट के प्रति जागरूक किया। इस बीच पानी पाठयशाला में टपक-टपक एवं अटल भूजल योजना की लद्यु फिल्म भी दिखाई गयी।

 

जल संरक्षण का करो प्रयास, जल ही है जीवन की आस…
जल यो़द्धा श्री उमाशंकर पाण्डेय जी के नेतृत्व में खण्ड विकास कार्यालय से जल कोष यात्रा का शुभारम्भ किया गया। इस बीच उपस्थित अतिथियों ने हरी झण्डी दिखाकर जल कोष यात्रा को रवाना किया। जल कोष यात्रा विकास खण्ड परिसर से निकलकर ग्राम पंचायतों की ओर रवाना हुयी। जल कोष यात्रा में एक ओर जहां अतिथि हाथ में रंगबिरंगी झण्डियां लेकर आगे चल रहे थे, तो उनके पीछे स्कूली बच्चों व महिलाओं सहित बड़ी संख्या में लोग भूजल संरक्षण के नारे लिखी तख्तियां लेकर आगे चले रहे थे। इस बीच पूरा माहौल जल संरक्षण का करो प्रयास, जल ही है जीवन की आस, पानी की जंग में हम सब संग में, जल ही जीवन है, जल है तो कल, हम सबने यह ठाना है वर्षा जल बचाना है आदि नारों से गूंज रहा था।

 

पौधारोपण संग की जल स्रोत की पूजा
जल यो़द्धा पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय ने विकास खण्ड परिसर स्थित कुएं का पूजन कर परम्परागत जल स्रोतों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने का आहवान किया। इस बीच जल चौपाल का भी आयोजन किया गया। अंत में विकास खण्ड परिसर में 51 फलदार पौधे लगाकर पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूकत किया। जिसके बाद जल कोष यात्रा का जनपद झांसी से ललितपुर की ओर रवाना हो गयी।

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