बुंदेलखण्ड की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत की बनेगी बेवसाइट: मण्डलायुक्त

बुन्देलखण्ड विरासत संरक्षण के कार्य को गति देने नोडल अधिकारी नामित

झांसी। आयुक्त झांसी मण्डल डा. अजय शंकर पाण्डेय के मार्ग दर्शन में बुन्देलखण्ड (झाँसी मण्डल) के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं अन्य आयामों के एक वैज्ञानिक एवं तर्कसंगत ढंग से संग्रहण एवं प्रस्तुतीकरण हेतु एवं संकलन अन्वेषण, संरक्षण एवं शोध का कार्य किये जाने के निमित्त 8 समितियाँ यथा- 1-साहित्य विंग, 2- सांस्कृतिक विंग 3-विषिष्ट कृषि उत्पाद संरक्षण फ्लोरा एवं फना विंग 4-पर्यटन एवं ऐतिहासिक विंग, 5- रीति-रिवाज व परम्पराओं व्यंजन विं 6-जल संरक्षण विंग, 7-हस्तशिल्प एवं उद्योग धन्धों से सम्बन्धित विंग, 8-पलर्स आफ बन्देलखण्ड का गठन किया गया है। समितियों के पंजीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा गठित की गई इन समितियों के द्वारा भविष्य में प्रस्तावित गतिविधियों का निर्धारण भी किया जा चुका है। इन समितियों की गतिविधियों को आगे बढ़ाने हेतु प्रत्येक समिति के मण्डल स्तरीय संरक्षक नामित किये गये हैं जो समिति के प्रभारी अधिकारी होंगे। इन समितियों की गतिविधियों के ससमय प्रभावी क्रियान्वयन हेतु समिति के नामित प्रभारी अधिकारी निम्नवत् होंगे-

साहित्य विंग- अपर निदेशक, बेसिक शिक्षा एवं संयुक्त शिक्षा निदेशक, झाँसी मण्डल
सांस्कृतिक विंग- क्षेत्रीय सांस्कृतिक अधिकारी, झाँसी
विशिष्ट कृषि उत्पाद संरक्षण एवं फ्लोरा फना विंग- मुख्य वन संरक्षक एवं संयुक्त कृषि निदेशक, झाँसी मण्डल
पर्यटन एवं एतिहासिक विंग- उप निदेशक पर्यटन, उप निदेशक राजकीय संग्राहलय, झाँसी
क्षेत्रीय व्यंजन एवं रीति रिवाज विंग- आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रसाशन एवं डी.सी. फूड
जल संरक्षण विंग- अधीक्षण अभियंता जल निगम एवं महाप्रबंधक जल संस्थान
हस्त शिल्प एवं उद्योग धंधों से संबंधित विंग- उपायुक्त उद्योग
पल् र्स आफ बुंदेलखण्ड- अपर निदेशक बेसिक शिक्षा एवं उप निदेशक युवा कल्याण
आयुक्त ने बुन्देलखण्ड की विरासत के संरक्षण व संबर्धन के लिए संरक्षक व प्रभारी अधिकारी के कार्य दायित्व भी निर्धारित किये हैं जो निम्नवत् हैं-

1.बुन्देलखण्ड (झाँसी मण्डल) की विभिन्न विरासत के संकलन, संरक्षण, अन्वेषण एवं शोध हेतु गठित की समिति की कार्य प्रगति की नियमित समीक्षा।

2. समिति की आयोजित की जाने वाली गतिविधियों में भाग लेना।

3. समिति की कार्य प्रकृति के अनुसार उनके कार्यों व गतिविधियों का निर्धारण कराते हुए वार्षिक कार्य योजना तैयार कराना तथा उसके क्रियान्वयन हेतु प्रोत्साहित करना।

4. समिति के कार्यों को गति देने के लिए विभिन्न स्तर पर समन्वय,सहयोग व मार्ग दर्शन प्रदान करना तथा आवश्यकतानुसार समितियों के आयोजनार्थ निजी क्षेत्र के प्रायोजक खोजने में सहयोग करना।

5. समिति की प्रस्तावित गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु उ.प्र. सरकार के संबंधित विभागों को प्रस्ताव प्रेषित कराने में सहयोग करना तथा उक्त विषय के क्षेत्र में कार्य कर रहीं अन्य संस्थाओं व एजेंसियों से वित्तीय सहयोग की संभावनाओं को तलाशना।

6. नामित अधिकारियों का दायित्व होगा कि समिति की कार्य प्रगति से प्रत्येक माह की 5 व 20 तारीख को व्यक्तिगत रूप से अधोहस्ताक्षरी से भेंट कर संलग्न प्रारूप पर समिति की कार्य प्रगति से अवगत करायें।
आयुक्त ने निर्देश दिये है कि नामित अधिकारी समिति की गतिविधियों के विस्तार हेतु अपना पूर्ण योगदान देना सुनिश्चित करें ताकि बुंदेलखण्ड की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि अब तक समितियों द्वारा संकलित की गई जानकारियों को जनसामान्य को सुलभ कराये जाने के उद्देश्य से पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाये ताकि विश्व पटल पर बुंदेलखण्ड की विरासत से लोग रू-ब-रू हो सकें।

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