दलहन, तिलहन और श्री अन्न पर तीन दिवसीय संगोष्ठी संपन्न
झाँसी। रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आज संपन्न हुई। आज के सत्र में श्री अन्न की फसलों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कृषि संस्थानों के वैज्ञानिकों ने विचार प्रस्तुत किए। डाॅ. पी दास, पूर्व उपमहानिदेशक ने कहा कि श्री अन्न को बढ़ावा तभी मिलेगा जब नई – नई प्रजाजियों के साथ नई तकनीक द्वारा अधिकतम पैदावार किसान लेने में सक्षम होंगे और श्री अन्न के द्वारा बनाए गए विभिन्न ब्यंजनों को बनाने की विधियों को बढ़ावा देकर उसे प्रसारित किया जाय। जिससे कि किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके। श्री अन्न की फसलों को उगाने से जबतक किसान को अधिक लाभ नहीं मिलेगा तब तक इन फसलों को वास्तविक रूप में बढ़ावा देना असम्भव होगा।
विवि के कुलपति डाॅ. अशोक कुमार सिंह ने अपने संबोधन में श्री अन्न की फसलों की अधिकतम पैदावार लेने के लिए क्षेत्र के अनुसार उपयुक्त नई – नई प्रजातियों के विकास की जरूरत पर बल दिया, एवं श्री अन्न के प्रचार प्रसार के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों के साथ-साथ कृषि विवि के छात्रों को भी रावे के अन्तर्गत गांव-गांव जाकर किसानों को नई तकनीक एवं नई किस्मों के बारे में जानकारियां देने की जरूरत है।
श्रीअन्न फसलों पर आधारित सत्र की अध्यक्षता डाॅ. एके शुक्ला, कुलपति राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि ग्वालियर एवं डाॅ. पी दास, पूर्व उपमहानिदेशक कृषि प्रसार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली ने की। आज के सत्र में डाॅ. के वी आर एस वीसारदा, प्रधान वैज्ञानिक आईसीएआर-आईआईएमआर, हैदराबाद, डाॅ. दयाकर राव बी, आईसीएआर-आईआईएमआर, हैदराबाद, डाॅ. विजय कुमार यादव आईजीएफआरआई, झाँसी, डाॅ. एसके दुबे निदेशक आईसीएआर, अटारी कानपुर, डाॅ. सुनील पारिक ने श्री अन्न विषय पर अपने – अपने ब्याख्यान दिए। डाॅ. एन के बाजपेई, बीयूएटी, डाॅ. वाईपी सिंह, आरवीएसकेवीवी, डाॅ. अनिल कुमार, डाॅ. एसएस सिंह, पैनल चर्चा में उपस्थित रहे। इस सत्र के संयोजक डाॅ. रूमाना खान एवं रिर्पोटियर डाॅ. अर्तिका सिंह एवं डाॅ. शिवेन्द्र सिंह रहे।
आखिरी सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ. एके शुक्ला, कुलपति, आरवीएसकेवीवी ग्वालियर एवं डाॅ. शिवकुमार इर्काडा रहे। इसके संयोजक डाॅ. पीपी जामभुलकर एवं रिर्पोटियर डाॅ. शुभा त्रिवेदी रहे। तीनों सत्रों का सारांश संगोष्ठी संयोजक निदेशक शोध डाॅ. एसके चतुर्वेदी ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर डाॅ. आरके सिंह, डाॅ. एमजे डोबरियाल, डाॅ. वीपी सिंह, डाॅ. बीके बेहेरा, डाॅ. एसएस कुशवाह,डाॅ. मुकेश श्रीवास्तव सहित विवि के सभी वैज्ञानिक उपस्थित रहे। आभार डाॅ. योगेश्वर सिंह ने किया।