इस दुखद घटना की होगी त्रिस्तरीय जांच : ब्रजेश पाठक
10 बच्चों में से 7 की हुई शिनाख्त, 3 की शिनाख्त का प्रयास जारी
सरकार बच्चों के साथ खड़ी है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
झांसी। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक मेडिकल कॉलेज में आग लगने की जानकारी मिलने पर रात में ही झांसी के लिए रवाना हो गए थे। सुबह करीब तड़के 5 बजे वह प्रमुख सचिव के साथ झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उन्होंने कहा “ यह दुर्घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है,जिसे सरकार ने बहुत गंभीरता के साथ लिया है। घटना में 10 बच्चों की मृत्यु हुई है। हम परिजनों के साथ मिलकर बच्चों की पहचान कर रहे है। यह पता लगाया जा रहा है कि किन किन के बच्चों की दुखद मृत्यु हुई है। स्पष्ट किया कि इस दुर्घटना की त्रिस्तरीय जांच करायी जायेगी। 7 बच्चों की शिनाख्त कर ली गई है। 3 कि शिनाख़्त बाकी है। जरूरत पड़ने पर उनका डीएनए टेस्ट कराकर शिनाख्त कराई जाएगी। सरकार बच्चों के परिजनों के साथ खड़ी है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पहली जांच शासन के स्तर पर होगी, जो स्वास्थ विभाग करेगा। दूसरी जांच पुलिस प्रशासन और जिले के स्तर से होगी जिसमें फायर विभाग की भी टीम शामिल होगी। तीसरी जांच मजिस्टीरियल स्तर की होगी। हर परिस्थिति में घटना के कारणों का पता लगाया जायेगा और जो कारण होंगे वह जनता के समक्ष मीडिया के माध्यम से रखे जायेंगे।”उन्होंने कहा कि हमारे कर्मचारियों ने अपनी जान पर खेल कर बच्चों को बचाया है।
श्री पाठक ने कहा “ किसी स्तर पर यदि लापरवाही पायी गयी तो जिम्मेदारी तय होगी और किसी को छोडेंगे नहीं। बच्चों के परिजनों के साथ पूरी सरकार खड़ी है। मैं व्यक्तिगत रूप से इस घटना से बहुत दुखी हूं और जानकारी मिलने के बाद से लगातार प्रशासन के संपर्क में हूं । बच्चों को अच्छी हेल्थ प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने एक सवाल के जबाब में बताया कि फरवरी में इसका फायर सेफ्टी ऑडिट किया गया था और जून में मॉक ड्रिल भी किया गया था लेकिन इसके बावजूद यह घटना क्यों और कैसे घटी यह पूरी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। वर्तमान स्थिति में 17 बच्चे हमारे पास हैं चार प्राइवेट अस्पताल वात्सल्य में, तीन मातृत्व में और एक ललितपुर व एक मऊरानीपुर ले गये हैं। छह बच्चे माताओं के साथ यहीं हैं। दस मृतक बच्चों में से सात की पहचान कर ली गयी है बाकी तीन की शिनाख्त केप्रयास किये जा रहे हैं। उनकी शिनाख्त के प्रयास किये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि छह परिजनों के माेबाइल बंद होने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। उनके निवास पर संपर्क कर बच्चों के बारे में जानकारी लेने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार पीडितों के साथ है, पूरी आर्थिक मदद की जायेगी। जिन बच्चों की पहचान नहीं हो पायी तो डीएनए परीक्षण कर परिजनों को सौंपा जायेगा।