विश्व पर भारत की शक्ति और सामर्थ्य का प्रभाव दिखने लगा : राज्यपाल

अमेरिका ने चोरी की 300 कलाकृतियां वापस की 

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का 29 वां दीक्षांत समारोह आयोजित

पर्यावरण एवं सामाजिक सरोकारों पर रहा केंद्रित

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का 29 वां दीक्षांत समारोह राज्यपाल आनंदी बेन पटेल उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में गांधी सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ जीवन और पर्यावरण के पांच तत्वों -आकाश, वायु जल, पृथ्वी और अग्नि पर काव्य पाठ से हुआ। अतिथियों का स्वागत कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने एकल पुष्प एवं चंदन, रुद्राक्ष, शमी, एवं नीम के पौधे देकर किया गया। इन्हें कार्यक्रम के उपरांत श्रीराम वाटिका में अर्पित किया गया। कुलाधिपति एवं अतिथियों द्वारा विभिन्न स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों के सर्वोच्च छात्रों को मेडल प्रदान किए गए। राज्यपाल ने कहा कि विश्व पर भारत की शक्ति और सामर्थ्य का प्रभाव दिखने लगा है। इसका उदाहरण अमेरिका ने चोरी की 300 कलाकृतियां वापस की है।

कुलाधिपति ने बताया कि ब्रिक्स सम्मेलन से पूर्व रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि आप हमारा मार्गदर्शन कीजिए। हाल ही में प्रधानमंत्री की अमेरिकी यात्रा पर वहां भारत से चुराई गई 300 सांस्कृतिक धरोहरों को वापस किया गया। पूर्व में हुए जी 20 के आयोजन में भारत वैश्विक नेतृत्व का अग्रणी होकर उभरा। प्रधानमंत्री की संकल्पना मेक इन इंडिया से आगे आकर हम मेकिंग फॉर वर्ल्ड की ओर बढ़ रहे हैं। विश्व की प्रमुख पांच आर्थिक महा शक्तियों में आज भारत शामिल है। एफडीआई के निवेश में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। नालंदा विश्वविद्यालय पुनः आकार ले रहा। सांस्कृतिक पुनर्जागरण के साथ ही भारत मिसाइल उत्पादन के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। यह सब इस बात का इशारा कर रहे हैं कि भारत आज वैश्विक महाशक्ति है। इसमें प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की शिक्षा, शोध, कौशल एवं नवाचार पर किए जा रहे कार्यों का प्रमुख योगदान है।


राज्यपाल ने झांसी जिलाधिकारी अविनाश कुमार एवं ललितपुर जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी को आंगनवाड़ी हेल्थ किट प्रदान करते हुए कहा कि व्यवस्था करें इस प्रकार की हेल्थ किट हर आंगनबाड़ी केंद्र पर हर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पास रहे। आंगनबाड़ी हेल्थ किट के अंदर- टॉवल, कंघी, नेल कटर, सुई-धागा, रंग-बिरंगे बटन, सीशा, डेटॉल साबुन डिटॉल लिक्विड, सोफ्रेमायकिन क्रीम, विटामिन डी की टेबलेट सामग्री शामिल है। इस किट का उद्देश्य छात्रों के रहन-सहन के तरीके, उनके स्वास्थ्य में सुधार एवं छोटी मोटी चोटों से उपचार करना है।

कुलाधिपति द्वारा इस अवसर दीक्षांत स्मारिका स्वर्णदीप्ति, कला और संस्कृति को समर्पित पत्रिका चितेरी एवं विश्वविद्यालय की गृह पत्रिका संचारिका का विमोचन किया गया। इसके साथ ही कुलाधिपति ने अपनी ओर से 200 पुस्तकें झांसी एवं ललितपुर के विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को प्रदान की। आंगनबाड़ी केंद्र की विभिन्न कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी किट जिसमें छात्रों के लिए कई प्रकार के खिलौने शामिल थे, प्रदान की। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत चयनित 5 ग्रामों में छात्रों के मध्य कारायी गई प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को प्रमाण पत्र वितरित किये।

राज्यपाल ने कहा कि 21वीं सदी भारत के साथ ही महिलाओं की भी सदी है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की जल सहेलियां अपने द्वारा किए गए जल संरक्षण के कार्यों के लिए आज मिसाल बनी है। ऐसे ही ग्रामीण महिलाओं के समूह द्वारा तालाब खोदने का कार्य, लोगों को शराब छुड़वाने एवं गांव में चल रहे जुओं को बंद कर बच्चों को स्कूल भेजने में महिलाएं एक जुट होकर कार्य कर रही है। ऐसे प्रयास ही किसी भी देश को आगे ले जाने में साधन बनते हैं। प्रधानमंत्री की पहल से आज ड्रोन तकनीक का कृषि में इस्तेमाल हो रहा है ड्रोन दीदी की संकल्पना एवं ड्रोन पायलट ग्रामीण महिलाएं आज कृषि में आधुनिकता का मिसाल बनकर उभरी है। यह नए विकसित ग्रामीण भारत की पहचान है।

राज्यपाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में अर्जित ज्ञान अपने आर्थिक उपार्जन के साथ ही देश के विकास में योगदान दें। सदैव सीखने की प्रवृत्ति को बनाए रखें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अभिप्रेरणा से केंद्र सरकार द्वारा डिफेंस कॉरिडोर का झांसी, ललितपुर, लखनऊ, चित्रकूट एवं कानपुर में प्रगति पर है। क्षेत्र के विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी है कि वह छात्रों को इससे जोड़ें। उन्होंने कहा कि विभिन्न विश्वविद्यालय की के पुस्तकालयों में पांडुलिपियों जर्जर हो रही है उनके डिजिटलाइजेशन के साथ ही छात्रों को उन पर शोध कर भारत के पुरातन ज्ञान को सबके सामने प्रस्तुत करना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अनेक विश्वविद्यालयों ने पिछले एक-दो वर्षों में नैक में सर्वोच्च ग्रेड प्राप्त किया है। इससे साबित होता है कि हम में क्षमता है बस हमें पूर्ण मनोवेग से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अब हमें एनआईआरएफ रैंकिंग में उच्च स्थान प्राप्त करना है। उन्होंने कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय से कहा कि वह फार्मेसी के अतिरिक्त कॉमर्स एवं अन्य विषयों में भी एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए अप्लाई करें। ऐडेड एवं एफिलिएटिड कॉलेज को भी तैयार करें। आज जाॅब्स की प्रकृति बदल रही है गेमिंग, एनिमेशन, फिल्म मेकिंग के साथ ही क्रिएटिविटी में अनेक संभावनाएं हैं। उन्होंने छात्रों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा सुझाए गए क्रिएटिव क्षेत्र के 25 चैलेंजों का जिक्र करते हुए कहा कि छात्रों को इनमें भागीदारी करते हुए अपने अंदर छुपी प्रतिभाओं को अफसर देना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि कुछ ही दिनों में दिपावली जैसा राष्ट्रीय उत्सव आने वाला है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम स्थानीय कुम्हारों द्वारा बनाए गए दिए, स्थानीय बुनकरों से निर्मित कपड़ों एवं अन्य सामग्री एवं अन्य स्थानीय कामगारों के बनाए गए उत्पादों का ही प्रयोग करें। उन्होंने राष्ट्रीय नायक सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती पर उनके द्वारा शक किए गए राष्ट्रीय एकता के करो पर छात्रों को जागरूक करने वाले कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि भारत की 500 रियासतों को जोड़ कर अखंड भारत बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है।

इसके पूर्व कुलाधिपति ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा लगाए गए स्टॉल, बुंदेलखंड गौरव कला दीर्घा, ऋषि धान्य प्रसंस्करण उत्पादन केंद्र, बुंदेलखंड एक्टिव स्टार्टअप इनक्यूबेशन काउंसिल, इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के छात्रों के ‘इन्नोवेशन आईडियाज विद वर्किंग मॉडल’, संस्कृत विथिका एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के स्टालों का अवलोकन किया। छात्र ऋतिक पटेल द्वारा कुलाधिपति को स्वरचित कविता भेंट की गई। गजेंद्र सिंह द्वारा कुलाधिपति का चित्र भेंट किया गया। फूड टेक विभाग द्वारा मिलेट्स से निर्मित खाद्य पदार्थों की पोटली प्रदान की गई।

कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग की डॉअचला पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव विनय कुमार सिंह, वित्त अधिकारी प्रमोद कुमार, पूर्व वित्त अधिकारी वसी मोहम्मद, परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर, झांसी एवं ललितपुर के जनप्रतिनिधि, अधिकारी गण, कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सदस्य, विभिन्न संकायों के संकाय अध्यक्ष, शिक्षक एवं छात्र उपस्थित रहे।

 

झांसी की भूमि शौर्य, धर्म, कला, और साहित्य का संगम

योगेंद्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा मंत्री ने विशिष्ट उद्बोधन में कहा कि झांसी की भूमि शौर्य, धर्म, कला, और साहित्य का संगम है। इसलिए यह पूजनीय एवं वंदनीय दोनों है। मेडल प्राप्त करने वाले छात्रों को बधाई दी एवं जो कुछ अंकों से रह गए उनके लिए कहा कि ‘कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता’। उन्होंने छात्रों को ज्ञान और कौशल को आधार बनाकर समाज, राष्ट्र एवं सृष्टि के लिए उपयोग करने के लिए कहा। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वह संस्कृति के वाहक बने एवं शिक्षक गुरु बनकर छात्रों को पढ़ाने की बजाय सीखाने को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि माननीय राज्यपाल ने शिक्षा को सामाजिक सरोकारों के साथ जोड़ा है इसका परिणाम है कि आज देश में सबसे अधिक नैक ए प्लस प्लस विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में है। उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम तय कर रहा है, इसमें केंद्र सरकार ने भी आर्थिक सहायता प्रदान की है।

 

उत्तर प्रदेश नई शिक्षा नीति के साथ ही चिंतन, ज्ञान एवं परंपरा की त्रिवेणी
रजनी तिवारी, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री विशिष्ट अतिथि ने सभी छात्रों को मेडल एवं उपाधि प्राप्त करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि तुलसीदास, मैथिलीशरण गुप्त, वृंदा लाल वर्मा, पीतांबरा माता एवं ओरछा श्री राम धाम की भूमि आस्था एवं पुष्प से पलवित है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश नई शिक्षा नीति के साथ ही चिंतन, ज्ञान एवं परंपरा की त्रिवेणी को साकार रूप प्रदान कर रहा है। उत्तर प्रदेश के शिक्षा संस्थानों ने अपने प्रयासों से संकल्प को सिद्ध में परिवर्तित किया है। नेक ए प्लस प्लस प्राप्त करने पर उन्होंने राजपाल महोदय के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने मेडल प्राप्त करने वाली छात्राओं की अधिक संख्या पर कहा कि प्रधानमंत्री बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। वैसे भी झांसी अपनी रानी के लिए पूरे विश्व में जानी जाती है। उन्होंने छात्रों को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करने के लिए प्रेरित किया और साथ ही कहा कि हम सकारात्मक सोच से स्वयं के साथ अपने परिवार, समाज और राष्ट्र को भी आगे ले जाने में सहायक होंगे।

 

10 वर्षों में भारत विकसित देश में परिवर्तित हो रहा

मुख्य अतिथि डॉक्टर जी सतीश रेड्डी, पूर्व सचिव डिपार्टमेंट ऑफ़ डिफेंस आर एंड डी, पूर्व रक्षा मंत्री वैज्ञानिक सलाहकार ने अपने दीक्षांत उद्बोधन में कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत विकसित देश में परिवर्तित हो रहा है। पहले हमारे पास कुछ गिने चुने आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी थे आज वही लगभग प्रत्येक राज्य में यह संस्थान है। केंद्रीय विश्वविद्यालय की संख्या बड़ी है। प्रत्येक जिले या दो जिलों में एक विश्वविद्यालय है। वैश्विक स्तर पर भी हमारे शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग में सुधार हो रहा है। आज भारत में लगभग 4.45 करोड़ छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। जहां कुछ वर्ष पहले इंजीनियरिंग के 10000 छात्र पास होते थे आज 1.4 मिलियन छात्र इंजीनियर बन रहे हैं इसमें भी 95% छात्रों को प्लेसमेंट मिल रहा है। पहले जहां आईआईटी और आईआईएम के लगभग 75% छात्र दूसरे देशों में जाते थे आज लगभग 75 % छात्र भारत में ही कार्य कर रहे हैं।

 

2016 में जहां 450 स्टार्टअप थे आज 8 साल बाद 2024 में डेढ़ लाख स्टार्टअप्स युवाओं द्वारा संचालित कीये जा रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में उत्पादन में भारत जहां पहले सबसे बड़ा इंपोर्टर था आज भारत स्वंय सबमरीन, न्यूक्लियर सबमरीन, एयरप्लेन करियर, मोटर गंस, मिसाइल्स, सेटेलाइट्स का उत्पादन कर रहा है। 2023-24 में हमने 24000 करोड रुपए का रक्षा निर्यात किया है जो अगले 3 सालों में 50000 करोड़ हो जाएगा। 10 साल बाद भारत शिक्षा क्षेत्र में विश्व के प्रथम एक या दो देशों में होगा। उन्होंने कहा कि इस गति को और तेज करने के लिए हमें शोध नवाचार की संस्कृति को विकसित करना पड़ेगा तभी भारत का झंडा पूरे विश्व में लहराएगा।

 

2170 उपाधियां, 110 शोध उपाधियां व 82 पदक वितरित

प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय, कुलपति, बुंदेलखंड विद्यालय झांसी ने कुलाधिपति को अवगत कराते हुए कहा कि इस वर्ष भी नारी शक्ति ने अपना परचम फहराया है। स्वर्ण पदक के साथ ही कुलाधिपति रजत पदक में छात्रों का प्रतिशत 68 से 75, कांस्य पदकों में 68 से 73 एवं कुलाधिपति पदों में 72% रहा है। कुल 2170 उपाधियां एवं 110 शोध उपाधियां छात्र छात्राओं को प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री प्रेरणा से आत्मनिर्भर भारत, वोकल फाॅर लोकल, ओडीओपी स्टार्टअप इंडिया आदि पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। विश्वविद्यालय ने हाल ही में नैक एवं एनआईआरएफ में बेहतर प्रदर्शन किया है। एनसीसी एनएसएस खेल एवं अन्य क्षेत्रों में प्रतिभा करने वाले छात्रों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही कुलपति द्वारा वर्ष भर किए गए अनेक कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।

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