माँ के बिना जीवन और हर सुख है अधूरा : डाॅ० संदीप सरावगी

माताओं का चरण वंदन एवं केक काटकर डाॅ० संदीप ने मनाया मातृदिवस

झाँसी। इस दुनिया में सबसे बड़ा दर्जा मां को दिया जाता है चाहे वह इंसान हो या अन्य पशु पक्षी, प्रत्येक माँ अपने बच्चों के लिए सर्वस्व त्यागने को तैयार रहती है। आधुनिक युग में कई लोग माँ बाप को बोझ समझने लगे हैं और इस भौतिक दुनिया का आनंद लेने के लिए उनका परित्याग तक कर देते हैं लेकिन जब तक माता-पिता सक्षम रहते हैं वह अपने बच्चों को कभी दुखी नहीं देख पाते। हमारे धार्मिक साहित्यों में लिखा गया है “पूत कपूत मिले हैं पर न माता मिले कुमाता”। अर्थात संतान तो अपने कर्तव्य से विमुख हो सकती है लेकिन माँ अपने दायित्व का निर्वहन सदैव करती है।

हर वर्ष मई माह के द्वितीय रविवार को माताओं के सम्मान में अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस मनाया जाता है इसी उपलक्ष्य में आज संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पर भी मातृ दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मातृशक्तियों का सम्मान कर समिति के अध्यक्ष डॉ० संदीप सरावगी एवं समिति के सदस्यों ने आयोजन में उपस्थित अपनी माता शीला सरावगी एवं अंय माताओं से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर डॉक्टर संदीप ने सभी को मातृदिवस की शुभकामनायें देते हुए कहा आज का दिन माताओं के प्रति कृतज्ञता व सम्मान व्यक्त करने और उनकी कड़ी मेहनत के लिए एक दिन समर्पित करने का दिन है।

हम सभी ने देखा है जब बच्चों को कोई कष्ट होता है तो उसके मुख से सबसे पहले माँ शब्द ही निकलता है यह चीज ईश्वर प्रदत्त होती है मानो ईश्वर ही दुनिया में आने वाली संतान को यह कहकर भेजता है कि तुम्हारी माँ तुम्हें सारे कष्टों से उभार सकती है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए उसके जीवन में माँ का स्थान सर्वोपरि होता है। माँ हमें अपने गर्भ में 9 माह रखकर हमें बिना देखे हुए हमारा पालन पोषण करती है और हमारे जन्म के पश्चात हमारे वयस्क होने तक हमें उचित मार्गदर्शन देती है। अनादि काल से लेकर आज तक जो भी महान और योग्य पुरुष हुए हैं जिन्होनें देश व समाज के लिए अच्छे कार्य किये हैं उन सभी कार्यों में उनकी माताओं का भी समान योगदान है।

वर्तमान समय में वृद्धाश्रमों में बढ़ती भीड़ को देखकर मन बहुत विचलित होता है जो महिला अपने बच्चों को योग्य बनाने के लिए अपना सर्वस्व त्याग देती है। अंत समय में उसे त्याग कर वृद्ध आश्रमों में भेजना कलयुग और मानव मूल्यों के अंत की निशानी है। मैं आप सभी से अनुरोध करना चाहता हूँ वृद्धावस्था में अपने माता-पिता का और उनकी आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखें क्योंकि आपको भी एक दिन इस स्थिति में पहुँचना है ईश्वर न करे उस समय आप भी दूसरों पर निर्भर हो जायें और अंत समय में एकाकी जीवन व्यतीत करना पड़े।

 

इस अवसर पर गहोई वैश्य पंचायत के पंच प्रदीप नगरिया एवं विशाल गुप्ता, भेल यूनियन अध्यक्ष विकास गुप्ता, सभासद मोनिका विकास गुप्ता, प्रियंका विकास गुप्ता, सिमरत जिज्ञासी, रक्षा शर्मा, मधु राजपाल, प्रेरणा, पवन वर्मा, नीरज वर्मा, हाजरा रब, सुल्ताना अयाज, रेखा रायकवार, मीना मसीह, रीता ओझा, नीलू रायकवार, स्पृहा श्रीवास्तव, सना परवीन, अंजुम खान, अब्दुल रब, राजू सेन, बसंत गुप्ता, सुशांत गेड़ा, राकेश अहिरवार, कमल मेहता, भूपेन्द्र यादव, आशीष विश्वकर्मा, संदीप नामदेव, अनुज प्रताप आदि उपस्थित रहे।

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