अभाव में रहकर जीने की कला वनवासियों से सीखें :  संदीप सरावगी

सेवा समर्पण संस्थान में जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन

झांसी। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से संबद्ध सेवा समर्पण संस्थान के तत्वाधान में रविवार को बबीना के सिद्धिविनायक विवाह घर में जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में जे०पी० शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी डॉ० संदीप सरावगी की रही।

कार्यक्रम की शुरुआत विधिवत दीप प्रज्वलन के साथ की गई। तत्पश्चात मंचासीन अतिथियों के स्वागत हेतु आदिवासी बालिकाओं द्वारा स्वागत गीत गाया गया। संगठन के जिला मंत्री द्वारा कार्यक्रम की प्रस्तुति तथा बालिकाओं द्वारा सामूहिक नृत्य का मंचन किया गया।

इसके पश्चात जनजातीय प्रमुखों द्वारा कार्यक्रम में आए हुए श्रोताओं को संबोधित किया गया। अतिथियों ने सभा को संबोधित करते हुए जनजातीय समस्याओं पर प्रकाश डाला साथ ही स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों की योगदान के बारे में भी चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में कई आदिवासियों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राण गवा दिए लेकिन आज भी वे एक गुमनाम क्रांतिकारियों के रूप में दफन है। साथ ही उन्होंने सीदू-कान्हू और बिरसा मुंडा जैसे आदिवासी नेताओं पर भी चर्चा की।

उन्होंने बताया कि किस तरह बिरसा मुंडा ने अपने जीवन में संघर्ष करते हुए वनवासियों को न्याय दिलाने हेतु अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। इस दौरान समाजसेवी डॉ संदीप सरावगी ने आदिवासियों की उपलब्धता पर बात करते हुए कहा आदिवासियों ने रेगिस्तान में अन्न पैदा करने की तकनीक खोज ली, जल संकट में भोजन की व्यवस्था कर ली, जो आधुनिक युग के उपकरणों से संभव नहीं है। आज भी कई बीमारियां ऐसी हैं जिसमें जड़ी बूटियां ही काम आती हैं।

आधुनिक विज्ञान आज तक उनका इलाज नहीं खोज पाया। वहीं उन्होंने कहा त्रेता युग में रामायण, द्वापर युग में पांडवों-कौरवों के युद्ध महाभारत जैसी रचनाएं वन में रहकर ही संपादित हुई है। भगवान बुद्ध, महावीर, एकलव्य जैसे सभी महापुरुषों ने वन में रहकर ही ज्ञान प्राप्त किया। इसके पश्चात उन्होंने धर्मांतरण पर बात करते हुए कहा कि हमें अंतर्मन से मजबूत होना पड़ेगा अन्यथा धर्मांतरण जैसे धर्म विरोधी कार्य होते रहेंगे।

कार्यक्रम में राजेंद्र मंडाला, जयपाल सिंह, वीरेंद्र खंडेलवाल, भैयालाल सहरिया, गोपाल सहरिया, राम लखन भार्गव घमंडी लाल, दिनेश, राकेश सोनी, कछेरी लाल, 60 ग्राम पंचायत स्तर के 2,000 सहारिया बंधु उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में शांति मंत्र के उच्चारण के पश्चात आए हुए सभी अतिथियों और सभा में उपस्थित श्रोताओं का आभार जिलाध्यक्ष जयपाल सिंह द्वारा व्यक्त किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *