बुविवि को उत्कृष्ट बनाने के लिए छात्रों और शिक्षकों को भी शोध व नवाचार में आगे आना होगा : प्रो राजेश
यूजीसी के साथ बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने किया एमओयू
झांसी। उत्तर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में इस समय यूजीसी द्वारा उच्चतर नैक रेटिंग प्राप्त करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में इंस्टिट्यूशन ऑफ इनोवेटिव काउंसिल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा कुलपति समिति कक्ष में यूजीसी एचआरडीसी जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर राजेश कुमार दुबे का व्याख्यान ‘रोल एंड रिस्पांसिबिलिटीज ऑफ हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन इन एंटरप्रेन्योरशिप’ विषय पर रखा गया।
प्रोफेसर दुबे ने कहा कि वर्तमान समय में परंपरागत विश्वविद्यालय शिक्षण व्यवस्था से काम नहीं बनेगा। शिक्षा के परिस्थितिक तंत्र में जिस प्रकार से बदलाव आ रहा है ऐसे में ऑनलाइन शिक्षण पद्धति को और अधिक बढ़ावा देना पड़ेगा। वर्तमान में केवल 27 प्रतिशत छात्र ही उच्च शिक्षा में आ रहे हैं अगले 13 सालों में हमें 50 प्रतिशत तक इसे करना है। उपलब्ध संसाधनों में केवल ऑनलाइन माध्यम की शिक्षा प्रणाली से ही हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नैक और एनआईआरएफ रैंकिंग में अगर हमें ऊपर आना है तो इसकी जिम्मेदारी छात्रों के साथ ही शिक्षकों की भी है। नवाचार, उद्यमिता और शोध ही ऐसे प्रकल्प है जिनके माध्यम से हम उत्कृष्टता का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने कहा कि हमारे बीच शैक्षणिक क्षेत्र में व्यापक अनुभव रखने वाले विद्वत अतिथि हैं। आपके उद्बोधन से निश्चित ही विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षक नई योजनाओं को लेकर कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि यूजीसी के साथ मिलकर हम पहले ही कई कार्यक्रमों का आयोजन कर चुके हैं। इसी श्रृंखला को बढ़ाने के लिए आज यूजीसी एचआरडीसी जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के साथ एमओयू किया जा रहा है। आपने विश्वविद्यालय के शिक्षकों को शोध, फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम और नवाचार कार्यक्रम में सहयोग का पूर्ण आश्वासन दिया है। उन्होंने सभी शिक्षकों से नवाचार आधारित पाठ्यक्रमों पर विचार विमर्श किया। उन्होंने डॉ राजेश कुमार पांडे को इस सफल कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी। स्वागत उद्बोधन इंस्टिट्यूट ऑफ इनोवेशन काउंसिल की प्रेसिडेंट प्रो अपर्णा राज एवं आभार इंजी अनुपम व्यासने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर टीचर्स रीस्किलिंग की संयोजक प्रोफ़ेसर पूनम पुरी, संयोजक शोध प्रकोष्ठ प्रोफेसर अवनीश कुमार, संकायाध्यक्ष एस के कटियार, प्रो सीबी सिंह, प्रो आरके सैनी, प्रो पूनम पुरी, प्रो अर्चना वर्मा, प्रो डी के भट्ट, प्रो पुनीत बिसारिया, प्रो मुन्ना तिवारी, इंजी अनुपम व्यास, आर्किटेक्ट सोमा अनिल मिश्रा, डॉ बी गंगवार, डॉ संतोष पांडे, डॉ अनु सिंगला डॉक्टर इरा तिवारी, डॉक्टर लवकुश द्विवेदी, डॉ संदीप अग्रवाल के साथ अनेक शिक्षक उपस्थित रहे।