हुनरबाज कार्यक्रम छात्रों के लिए अवसर : प्रो सुनील काबिया
राष्ट्रीय कला मंच, अभाविप एवं डीएसडब्ल्यू बुंदेलखंड विश्वविद्यालय कर रहा आयोजन
झांसी। हुनरबाज कार्यक्रम में छात्रों की सहभागिता एवं उनका उत्साह इस कार्यक्रम की लोकप्रियता स्वयं बयान कर रहा है उक्त विचार अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर सुनील काबिया ने हुनरबाज- प्रतिभा का मंच कार्यक्रम के अंतर्गत भाषा प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह पर व्यक्त किए। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय कला मंच अभाविप एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण बुंदेलखंड विश्वविद्यालय कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय ज्ञान के साथ कौशल विकास का है। इस कार्यक्रम से निश्चित ही छात्रों को अपने हुनर को प्रदर्शन करने का अवसर मिला होगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर सीबी सिंह ने कहा कि कौशल आधारित ज्ञान हमें केवल रोजगार ही प्रदान नहीं करता बल्कि दूसरों को रोजगार उपलब्ध कराने लायक बनाता है। छात्रों को इसके लिए अपने व्यक्तित्व निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर कार्य करने की जरूरत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कला संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर मुन्ना तिवारी ने कहा कि आज भाषाई कौशल पर आधारित प्रतियोगिताएं करवाई जा रही है। भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है। त्रुटि रहित, स्पष्ट, एवं संप्रेषण कौशल से आधारित भाषा हमें समाज में विशिष्ट पहचान दिलाती है। गूगल टाइपिंग के दौर में हमें अपनी भाषा की शुद्धता पर काम करने की जरूरत है। प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका डॉ श्रीहरि त्रिपाठी, डॉ नवीन पटेल, डॉ राघवेंद्र दीक्षित, डॉ उमेश शुक्ला, डॉ अभिषेक कुमार ने निभाई। वॉलिंटियर्स के रूप में अजय कुमार, पायल जैन, शिवांश झा, अपूर्वा, आदित्य कनौजिया, शिवम पटेल, दिव्यांशी पुरोहित, पुष्पेंद्र सिंह, सृष्टि तिवारी, अनिल कुमार पस्तोर, जया व्यास, खुशबू मिश्रा, श्रेया गुप्ता, चाहत गुप्ता, स्मारिका गुप्ता, रोशनी कंचन, कौशिक गुप्ता, रितिक पटेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर संयोजक डॉ कौशल त्रिपाठी, आयोजन सचिव डॉ शंभूनाथ सिंह, डॉक्टर शिविका भटनागर, डॉ शिखा सोनी एवं छात्र प्रतीक द्विवेदी उपस्थित रहे।