हिन्दी साहित्य भारती का वार्षिक उपनिवेशन होटल द मारवलस’ के भव्य सभागार में सम्पन्न
औंसी। भारतीय जीवन दर्शन और सांस्कृतिक चेतना को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने, वसुधैव कुटंबकम और सर्वे जनः सुखिनः भवन्तु की उदात्त भावना को विस्तारित कर विश्व शान्ति व मानवीय सौहार्द को संचारित करने की कल्याणप्रद संकल्पना के मूल उद्देश्य के साथ ही हिन्दी भाषा और भारतीय साहित्य को देश विदेश में भी ग्राहय बनाने के मूल उद्देश्य हेतु वर्ष 2019 में सुस्थापित और वर्तमान में देश के समस्त 28 राज्यों, 08 केन्द्र शासित प्रदेशों सहित विश्व के 37 देशों में विस्तारित होकर सफलतापूर्वक कार्य कर रही संस्था हिन्दी साहित्य भारती’ की उत्तर प्रदेश राज्य की कार्यकारिणी का वार्षिक उपनिवेशन संस्था के वैश्विक मुख्यालय झाँसी स्थित होटल द मारवलस’ के भव्य सभागार में आयोजित किया गया।
आयोजन में प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों सहित उ०प्र० निवासित अन्तरराष्ट्रीय पदाधिकारी और प्रदेश के विभिन्न प्रभागों व जनपदों से आए प्रबुद्ध सदस्यों ने अपनी सहभागिता दर्ज करायी। विभिन्न सत्रों में विभाजित बैठक में संस्था की भावी कार्ययोजना, अब तक प्राप्त उपलब्धियों व संचालित विभिन्न रचनात्मक आयोजनों तथा संस्था द्वारा निर्धारित 07 अनिवार्य वार्षिक कार्यक्रमों और सुनिश्चित रैच्छिक आयोजनों की गहन समीक्षा कर उनकी प्रगति की जानकारी हासिल की गई।
प्रारम्भ में समस्त सदस्यों ने संस्था के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष सुविख्यात साहित्यकार व पूर्व शिक्षा मंत्री उ०प्र० सरकार डॉ० रवीन्द्र शुक्ल शुक्ल को विगत दिनों हिन्दी साहित्य भारती की कीर्ति पताका को अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन, फिजी तथा 14 सितम्बर 2024 को म्यांमार में आयोजित कार्यक्रम में फहराने के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर डॉ० शुक्ल ने जानकारी दी कि शीघ्र ही हिन्दी साहित्य भारती के वैश्विक मुख्यालय का भवन झाँसी में सुस्थापित किया जायेगा। आगामी महाकुंभ के अवसर पर प्रयागराज में हिन्दी साहित्य भारती विश्व के कोने-कोने से शामिल होने वाले करोड़ों सनातनी तीर्थ यात्रियों को भारतीय जीवन दर्शन व आध्यात्म की रचनात्मक जानकारी देने हेतु अपना वृहद पंडाल भी लगाने हेतु प्रयासरत है। डॉ० शुक्ल ने आश्वस्त किया, कि दिसम्बर 2024 तक देश के प्रत्येक महानगर में संस्था की सक्रिय इकाई को शुरू करा दिया जायेगा। डॉ० शुक्ल ने बताया कि संस्था का तीसरा अन्तरराष्ट्रीय अधिवेशन इसी वर्ष दिसम्बर माह के अन्तिम सप्ताह में आयोजित किया जाना प्रस्तावित है।
उ०प्र० राज्य इकाई के मौजूदा अध्यक्ष रहे डॉ० वागीश दिनकर के स्थान पर श्री प्रहलाद बाजपेई को उ०प्र० का नया अध्यक्ष चयनित किया गया, जबकि महामंत्री रहे डॉ० अक्षय प्रताप सिंह के स्थान पर डॉ० अमरनाथ दुबे को सर्वसम्मति से नया महामंत्री नियुक्त किया गया। इसी अवसर पर संस्था के अवध प्रांत, बृज प्रांत, काशी प्रांत, गोरक्षपीठ प्रांत, मेरठ प्रांत इत्यादि के नवनियुक्त पदाधिकारियों के नामों पर भी सर्वसम्मति से औपचारिक अनुमोदन प्रदान किया गया।
संस्था के स्तर से विगत 05 वर्षों से अनवरत् चलाए जा रहे विविध रचनात्मक आयोजनों यथा-राष्ट्रवंदन, अतीत का अभिनंदन, राष्ट्र, वर्तमान का अभिनंदन / राष्ट्रवंदन, कवि अभिनंदन के साथ ही इसी वर्ष प्रारम्भ चर्चित साप्ताहिक आयोजन ‘सबमें राम शाश्वत् श्रीराम को और विस्तारित तथा देश विदेश में व्यापकता के साथ संप्रेषित किये जाने की कार्ययोजना पर भी विमर्श किया गया।
पूर्वान्ह संस्था के वैश्विक कार्यालय के सभागार में आयोजित भव्य कार्यक्रम की शुरुवात संस्था के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० रवीन्द्र शुक्ल, डॉ० वागीश दिनकर, 22 महाकाव्यों के गिनीज वर्ल्ड सम्मानित सुविख्यात साहित्यकार आचार्य देवेन्द्र देव, डॉ० रामनिवास शुक्ला और संस्था के वैश्विक महासचिव व सेवानिवृत्त आई०ए०एस० श्री राजीव शर्मा के द्वारा दीप प्रज्जलित कर की गई। सरस्वती वंदना, संस्था के ध्येयगीत के गायन के साथ ही टी० सीरीज के प्रख्यात भजन गायक वीरेन्द्र सेंगर की मातृ वंदना ने आयोजन को भव्यता प्रदान की।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबंधित प्रबुद्ध विशिष्ट पदाधिकारीगण सहित झाँसी सदर विधायक श्री रवि शर्मा, आयुक्त झाँसी मण्डल श्री विमल कुमार, कृषि विश्वविद्यालय झाँसी के पूर्व कुलपति डॉ० सुशील चतुर्वेदी, इंजी० निशांत शुक्ल, एड० रुचि निवेदिता, श्रीमती मनोरमा बोहरे, श्रीमती प्रतिभा त्रिपाठी, श्रीमती सुमन गुप्ता, श्रीमती भारती मिश्रा, तथा मीडिया प्रभारी नीरज सिंह, श्री संजय राष्ट्रवादी, श्री मख्खन तिवारी, महानगर के साहित्यकार, वरिष्ठ पत्रकार, सहित अनेक सम्मानित जन मौजूद रहे। यह जानकारी संस्था के केन्द्रीय संयोजक जन संचार आनन्द उपाध्याय ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से दी है।