वीरभूमि झांसी में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत मनाया बिजली महोत्सव
झांसी। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में केंद्रीय ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय उज्ज्वल भारत- उज्ज्वल भविष्य 2047 के तत्वाधान में 25 से 30 जुलाई तक चलने वाले बिजली महोत्सव समारोह की श्रृंखला में सिमरावारी बीएचईएल में आरईसी के सहयोग से बिजली महोत्सव का आयोजन किया गया।
समारोह में ऊर्जा मंत्रालय आरईसी से जनपद के नोडल अधिकारी इंजी. सरोज कुमार शर्मा ने अपने सम्बोधन में ऊर्जा के क्षेत्र में केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा चलाये जा रहे सुधार कार्यक्रमों की सराहना करते हुये देश में विद्युत उत्पादन वितरण एवं उपभोग के सम्बंधित बिन्दुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। 75 वर्षों में विद्युत के क्षेत्र में हुए उपलब्धियों जैसे वन नेशन वन ग्रिड रिन्यूवल एनर्जी. कंज्यूमर राइट एवं ग्रामीण विद्युतीकरण पर आधारित शॉर्ट फिल्म दिखाई गई। साथ ही ऊर्जा पर आधारित नुक्कड नाटक का प्रदर्शन भी किया गया एवं उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम, नुक्कड नाटक व लोकनृत्य प्रस्तुत कर बिजली महोत्सव का सफल आयोजन किया गया व बिजली महोत्सव का मनभावन व सुन्दर प्रस्तुतीकरण करने वाले कलाकारों को आरईसी एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि. की ओर से प्रसस्ती पत्र वितरण किये गये एवं सभी ग्रामीण उपभोक्ताओं को प्रमाण पत्र वितरित किये गये। भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं में वर्ष 2014 में जो उत्पादन क्षमता 2.48,554 मेगावाट थी. वह बढ़कर अब 4,00,000 मेगावाट हो गई है, जो कि हमारी मांग से 1,85,000 मेगावाट अधिक है। भारत अब अपने पड़ोसी देशों को बिजली निर्यात कर रहा है। पारेषण लाइनों में 1,63,000 सीकेएम वृद्धि की गई है, जो पूरे देश को एक फ्रिक्वेंसी पर चलने वाले ग्रिड से जोड़ती हैं। लद्दाख से कन्याकुमारी तक और कच्छ से म्यांमार की सीमा तक यह दुनिया में सबसे बड़े एकीकृत ग्रिड के रूप में उभरा है। हमने कॉप 21 में वादा किया था कि 2030 तक हमारी 40 उत्पादन क्षमता नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से होगी। हमने तय समय सीमा से 9 वर्ष पूर्व नवंबर 2021 तक यह लक्ष्य हासिल कर लिया है। आज हम नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 1,63,000 मेगावाट विद्युत का उत्पादन कर रहे हैं। हम विश्व में तेज गति से नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता संस्थापित कर रहे हैं। 2,01,722 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ हमने पिछले पांच वर्षों में 2,921 नए सब-स्टेशन का निर्माण, 3,926 सब-स्टेशनों का संवर्धन, 6,04465 सीकेएम एलटी लाइनों का संस्था पन, 11 केवी की 2,68,838 एचटी लाइनों का संस्थापन, 1,22,123 सीकेएम कृषि फीडरों का फीडर पृथक्करण और संस्थापित करके वितरण अवसंरचना को सुदृढ़ किया है। वर्ष 2015 में ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति का औसत 12.5 घंटे था जो अब बढ़कर औसतन 22.5 घंटे हो गया है। मीटर संबंधी शिकायतों को दूर करने के लिए समय-सीमा अधिसूचित की गई है। अन्य सेवाओं के लिए राज्य विनियामक प्राधिकरण समय सीमा अधिसूचित करेगा। इसके अतिरिक्त लोगों के लिए सौर पंपों का उपयोग शुरू करने के लिए योजना जिसके तहत – केंद्र सरकार 30 प्रतिशत सब्सिडी देगी और राज्य सरकार 30 प्रतिशत सब्सिडी देगी। इसके अलावा 30 फीसदी ऋण की सुविधा मिलेगी। जिसमें आस-पास के गांवों और जिलों से भारी भीड़ देखी गई गणमान्यय व्यकक्तियों ने बिजली के लाभों पर प्रकाश डाला और कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बिजली के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गयी है। कार्यक्रम में पवन कुमार गौतम जिला पंचायत अध्यक्ष, नरेन्द्र कुमार तिवारी विधायक प्रतिनिधि बबीना, महाप्रबन्धक आरईसी लि.सरोज कुमार शर्मा, अंकुर शर्मा, अधीक्षण अभियन्ता विद्युत वितरण मण्डल, झांसी ग्रामीण / नगरीय एवं समस्त अधिशासी अभियन्ता, समस्त प्रधान एवं ग्रामवासी आदि उपस्थित रहे।