अधिवक्ताओं के लिए चैम्बरों के शीघ्र निर्माण का जिलाधिकारी ने दिया आश्वासन
झांसी। भाजपा विधि प्रकोष्ठ द्वारा कलैक्ट्रेट कम्पाउन्ड में अधिवक्ताओं हेतु शीघ्र चैम्बर निर्माण के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदीप शर्मा एवं समीर तिवारी के नेतृत्व में ज्ञापन देते हुए बताया कि प्रदेश के विधि एवं न्याय मंत्री की निधि से करीब पांच करोड़ रुपए की लागत से कलैक्ट्रेट कम्पाउन्ड में जिला नियंत्रण कक्ष के निकट अधिवक्ताओं हेतु चैम्बरों का निर्माण कार्य विगत एक वर्ष से अधिक समय से लंबित है।
लगभग समस्त वांछित विभागीय औपचारिकतायें पूर्ण हो गयी हैं, बाबजूद इसके अभी तक चैम्बर्स निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका हैं। अधिवक्ता चैम्बर्स ,पुराने अधिवक्ता भवन को ध्वस्त कर उसी स्थान पर बनाये जाने हैं, परन्तु अभी बिल्डिंग ध्वस्तीकरण की कार्यवाही भी प्रारम्भ नहीं हुयी हैं। जिससे अधिवक्ताओं में रोष बढ़ता जा रहा है। अभी भी करीब 04 करोड़ रुपए धनराशि शेष है।अधिवक्ता हित में विधि मंत्री की सकारात्मक सोच को देखते हुऐ शीघ्र ही चैम्बर्स निर्माण का कार्य शुरू कराया जाए। यह भी बताया कि विधानसभा चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ हो जाने पर कार्य शुरू हो पाना मुश्किल होगा, आचार संहिता लागू होने से पहले ही चेम्बरो का निर्माण शुरू कराया जाए। जिस पर जिलाधिकारी ने अति शीघ्र निर्माण कार्य शुरू कराए जाने का आश्वासन दिया है। इस अवसर पर सह संयोजक सन्तोष सिंह चौहान, जिला संयोजक प्रदीप शर्मा , जिला सह संयोजक समीर तिवारी , तहसील संयोजक दीपक सेन , अरविन्द सक्सेना ,धर्मेंद अग्रवाल, दिलीप बोस, प्रशान्त शर्मा,दीपक समेले, राघव तिवारी, कैलाश नारायण तिवारी,विशाल सोनी, बिहारी लाल जोशी , अमित शर्मा , राजेश चौरसिया, रचना राजा परमार एवं अन्य अधिवक्ता साथी उपस्थित रहे।
जब कुछ देर बाद ही गिरी छत
इसे संयोग कहें या कुछ और फिलहाल चैम्बरों के शीघ्र निर्माण की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपे जाने के कुछ ही देर बाद ध्वस्त किए जाने वाले पुराने अधिवक्ता भवन में एक कक्ष की छत भर-भरा कर गिरने लगी, सौभाग्य से कुछ देर पहले ही रोजाना की तरह कई अधिवक्ता उक्त कक्ष से भोजन कर बाहर निकले थे। इसी कक्ष में वाटर कूलर लगा होने के कारण वह दोपहर का भोजन वहीं करते हैं। यदि यही छत कुछ देर पहले गिरती तो अनहोनी हो सकती थी। भर-भरा कर छत का मलवा गिरने की आवाज़ सुनकर अधिवक्ता सकते में आ गए। मलवा गिरने से कोई जनहानि तो नहीं हुई, वहां रखी मेज कुर्सियां आदि छतिगस्त हो गई।