अखिलेश खो चुके राजनैतिक जमीन,अब भड़का रहे सांप्रदायिक : दयाशंकर सिंह
कहा,कोई भी बस बिना फिटनेस सड़क पर नहीं आ सकती
झांसी। झांसी पहुंचे परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने रविवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अखिलेश यादव अपनी राजनैतिक जमीन खो चुके हैं। जनता ने उन्हें नकार दिया और अब जब उनके पास कुछ नहीं बचा तो ज्ञानवापी जैसे मसलों में सांप्रदायिक माहौल खराब करने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन से किसी प्रकार का कोई खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। इसलिए बिना फिटनेस के कोई भी बस सड़क पर नहीं आ सकती। इसके लिए मुख्यमंत्री जी के भी सख्त निर्देश हैं। देर रात झांसी पहुंचे परिवहन मंत्री रविवार को सुबह मप्र के दतिया स्थित मां पीताम्बरा पीठ के दर्शन करने बाद वापस सर्किट हाउस में पत्रकारों से मुखातिब हो रहे थे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देश के अनुपालन के लिए यहां पर बैठक की गई है। हम लोगों ने 100 दिन की कुछ कार्य योजना बनाई हुई है। उसे पूरा करना है,उसकी समीक्षा हुई है। कुछ काम 6 महीने में पूरे होने वाले हैं उसकी भी समीक्षा की गई है। कुछ 2 वर्ष और 5 वर्ष में भी काम पूर्ण किए जाने हैं। उन पर भी वार्ता हुई है। झांसी मंडल का काम संतोषजनक है। अभी और भी काम करने की जरूरत है उस पर भी चर्चा हुई है। बुंदेलखंड को मिलेंगी और बसें कंडम बसों को नॉनस्टॉप चलाए जाने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोई भी बस चाहे वह रोडवेज की हो या प्राइवेट हो, बिना फिटनेस के किसी भी कीमत पर सड़क पर नहीं चल सकती। उन्होंने कहा की डेढ़ सौ बसें अभी बनकर तैयार हो गई हैं। अभी एक हजार बसें और आ रही हैं। झांसी मंडल के लिए भी तमाम बसें आने वाली हैं। हम लोगों ने 2000 बसों के लिए मांग की थी। अभी 1150 बसें ही स्वीकृत की गई हैं। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एक पिछड़ा इलाका है। यहां डोर दूर तक गांव बसे हुए हैं। लोगों को उनके गांव तक साधन मुहैया कराना हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए यहां अभी काफी बसों की आवश्यकता है। में काफी बसों की जरूरत है। जनता का इनसे हुआ मोहभंग ज्ञानवापी मामले में अखिलेश के बयान के जवाब में उन्होंने कहा कि ये जो पार्टियां हैं, ये अपनी राजनीतिक जमीन खो चुकी हैं। 2014,17 ,19, व 21 में जनता ने इन्हें नकार दिया है। ये जनता से दूर होते जा रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब 37 साल के बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी के हाथ में सत्ता की कमान सौंपी गई है। जनता का इनके कामों से मोहभंग हो चुका है। इसलिए जनता को बरगलाने के लिए बार-बार समाजवाद, जातिवाद व संप्रदायिकता को भड़काने की बातें करते रहते है।