सेना के बलिदान से कोई भारतीय उॠण नही हो सकता
विजय दिवस पर बलिदानी सैनिको की वीरांगनाओ व वीरनारियो का हुआ सम्मान
जालौन (अनिल शर्मा)। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जालौन के तत्वाधान में शुक्रवार को विजय दिवस भव्य समारोह का आयोजन शहीद स्मारक ग्रामहदरुख मे आयोजित हुआ। जिसमें वर्ष 1971 के युद्ध में अपना बलिदान देने वाले जांबाज सैनिकों की धर्मपत्नी वीरांगनाओं को तथा वीर नारियों का सम्मान किया गया।
इस अवसर मुख्य अतिथि एडम कमांडेंट स्टेशन मुख्यालय झांसी के पॗतिनिधि कर्नल अमितइस्सर ने कहा कि जिस तरह से भारत माता की रक्षा के लिए हमारे जांबाज सैनिक सीमाओं पर विरोधियों के दांत खट्टे करते हुए अपना बलिदान देते हैं। इस ऋण से कोई भी भारतीय उॠण नही होसकता है। जब हम जाड़ा गर्मी बरसात मैं अपने घरों में सुरक्षित रहते हैं तो हमारे लिए सीमाओं पर यह जांबाज जवान अपनी जान हथेली पर रखकर सीमा की रक्षा करते हैं और जरूरत पड़ने पर अपना पर अपना बलिदान भी दे देते हैं, इसलिए वे हमारे लिए सर्वोच्च मान सम्मान और श्रद्धा के पात्र हैं। पूर्व सैनिक सेवा परिषद के संस्थापक सदस्य पहलाद सिंह ने कहा वर्ष 1971 के पहले देश में बलिदानी सैनिकों का सम्मान समारोह आयोजित नहीं किया जाता था, जो सरकार को प्राथमिकता से करना चाहिए था। वर्ष 1993 में इस संस्था की स्थापना होने के बाद प्रतिवर्ष बलिदानी सैनिकों के सम्मान के कार्यक्रम आयोजित किए जाने लगे है।
कर्नल वीपी शर्मा ने कहा कि बलिदानी सैनिकों के सम्मान समारोह युवाओं में नया जोश भरते हैं और सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा जो भी जवान भारत माता की रक्षा करते हुए अपना बलिदान देता है वह अमर हो जाता। समाज को ऐसे बलिदानी सैनिकों और उनके परिवार को हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि अपर पुलिस अधीक्षक असीम चौधरी ने कहा के वर्ष 1971 में पहली बार देश ने जीत का ऐसा स्वाद चखा कि उसके गर्व से हम आज तक भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम आराम से घरों में जीवन जीते हैं लेकिन जो सीमाओं पर तैनात रहते हैं ऐसे हमारे जांबाज सैनिकों को अपना घर और परिवार देखने के लिए बहुत कम अवकाश मिल पाता है। हमारी ड्यूटी और सैनिकों की ड्यूटी से कोई तुलना नहीं की जा सकती। क्योंकि वह कठिन से कठिन मौसम में भी अपनी जान हथेली पर रखकर मातृभूमि की रक्षा करते हैं। वे समाज में सबसे ज्यादा सम्मानीय हैं और हर एक व्यक्ति को उनका और उनके परिवार का सम्मान करना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि रेडियम मोती लाल यादव ने अपने तमाम भोजपुरी गीतों के माध्यम से बलिदानी सैनिकों के त्याग तपस्या का बखान करते हुए पुणे समाज से यह उम्मीद थी कि वह बलिदानी सैनिकों के प्रति और उनके परिवार के प्रति सर्वोच्च सम्मान की भावना रखें। शहीद स्मारक के संस्थापकों में से एक पूर्व विधायक संतराम सिंह सेंगर ने कहा कि वर्ष 2000 में हदरुख मे शहीद स्मारक बनवाने के लिए उन्होंने मेजर घनश्याम और कैप्टन मास्टर सिंह कैप्टन गंगा रामपाल कैप्टन मन्ना सिंह कैप्टन महेंद्र सिंह राजावत सूबेदार सोबरन सिंह कैप्टन आसाराम दोहरे कैप्टन गंगाराम पाल सूबेदार सोबरन सिंह सिंगर सूबेदार मेजर आसाराम दोहोरी कैप्टन गंगा रामपाल और तमाम पूर्व सैनिकों और बलिदानी सैनिकों के परिवार से सहमति करके यहां शहीद स्मारक का निर्माण करवाया, इसका उद्घाटन प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी ने किया था। तबसे लगातार यहां प्रतिवर्ष बलिदानी सैनिकों वीरांगनाओं और वीर नारियों का सम्मान किया जाता है।
विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष और पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी ने कहा बलिदानी सैनिक पूरे समाज के लिए सबसे बड़े श्रद्धा के पात्र हैं और आदर्श रहे हैं। उनकी धर्मपत्नी या जो वीरांगनायें हैं तथा जो वीर नारियां हैं उन सभी का पूरे समाज को आदर और सम्मान करना चाहिए।उनके दुख सुख में शरीक होना चाहिए ताकि उन्हें पता चले कि हमने जो देश की सेवा की है उसके पीछे हमारा देश भी हमारे हर सुख दुख में खड़ा है।
इसके पहले वीरांगना साकेत कुंवर पत्नी रामवीर सिंह तोमर जो अशोक चक्र से सम्मानित थे और कुमाऊ रेजिमेंट में थे।वर्ष 2001 में जम्मू और कश्मीर के डोडा के युद्ध में बलिदान हुए। इसी तरह वीरांगना सुखकर्ता देवी धर्मपत्नी गार्ड्स मैं जगदीश नारायण जो भारत-पाक युद्ध बलिदान हुए, उमा देवी धर्मपत्नी तिलक यादव ग्राम म लथुआ वह 28 सितंबर 1988 को ऑपरेशन मेघदूत में सियाचिन में बलिदान हुए।
इसी तरह वीरांगना श्याम बाई बलिदानी राजवीर सिंह ग्राम हद रुख, वीरांगना राधाबाई धर्मपत्नी बलिदानी नायक अरविंद सिंह ग्राम जगतपुरा अहीर के अलावा वीरांगना सरोज कुमारी वीरांगना पार्वती देवी वीरांगना पुष्प लता वीरांगना क्रांति देवी को तो कंबल श्रीफल और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। इसी तरह 70 वीर नारियों को साल श्रीफल और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार के पी सिंह अनिल शर्मा सुनील शर्मा लल्ला सुरेश खर कया मनोजराजा पॗदीप होतवानी आदि पत्रकारो को सम्मानित किया। सम्मान समारोह संचालन मेजर घनश्याम और मृदुल पाटकार ने किया।