जालौन के नए कप्तान बने डॉक्टर दुर्गेश कुमार, डा ईरज राजा का स्थातंरण गाजीपुर हुआ

उरई/जालौन (अनिल शर्मा)। वर्तमान एसपी डॉक्टर ईरज राजा का स्थातंरण गाजीपुर होगया है जब कि डा दुर्गेशकुमार को जिलै का नया कप्तान बनाया गया है।जालौन के नए पुलिस अधीक्षक डॉ दुर्गेश कुमार महाराजगंज जनपद के रहने वाले हैं। उनकी एमएससी के साथ एमएसडब्ल्यू से पीएचडी की हुए है। वर्तमान में वह पुलिस कमिश्नर लखनऊ में डीसीपी के पद पर तैनात थे।उनका चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा चयन आयोग से हुआ है, इसके बाद उनकी पदोन्नति आईपीएस पर हुई।

 

वही जालौन के वर्तमान पुलिस अधीक्षक डॉक्टर ईरज राजा की बात करें तो उन्होंने 14 जनवरी 2023 को जालौन की कमान संभाली थी, लगभग डेढ़ साल बाद उनका स्थानांतरण गाजीपुर हुआ है। डेढ़ साल के दौरान उनका कार्यकाल सराहनीय रहा। अपराध को लगाम कसने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उनके समय में 65 से अधिक एनकाउंटर हुए हैं। जिसमें दो फुल एनकाउंटर, बाकी हाफ एनकाउंटर हुए। इसके अलावा कई अपराधियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की गई, साथ ही गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया।

 

उनके समय में नगर पालिका चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। उन्होंने कई ऐसे मामलों में सजा दिलाई, जो वर्षों से पेंडिंग पड़े हुए थे, लगातार पैरवी होने के बाद आरोपियों को सजा दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, मगर आखीर मेउनका एक विवाद भाजपा नेताओं से भी हुआ जिसमें भाजपा नेताओं का आरोप है की थाना प्रभारी कमलेश प्रजापति की शिकायत के दौरान हुई बहस में दो मंडल अध्यक्षों की पुलिस ने पुलिस कार्यालय में जमकर पिटाई कर दी। घायल दोनों मंडल में अध्यक्ष पहले झांसी में फिर कानपुर में इलाज करते रहे। जबकि पुलिस प्रशासन की ओर से एक महिला पुलिसकर्मी सहित 6 लोगों को घायल बताया गया जिसमे दो दरोगा भी है।

 

हालांकि पुलिस अधीक्षक के स्थानांतरण को लेकर पार्टी की गुटबाजी फिर से सड़क पर आ गई थी। पार्टी के जिला अध्यक्ष और उर्विजा दीक्षित ने इस घटना की शिकायत क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल से तथा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द चौधरी से की थी जबकि पार्टी का दूसरा गुट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर यह बताने में सफल रहा था कि इस लड़ाई की मूल जड़ में मिट्टी का अवैध खनन है। पुलिस प्रशासन लगातार लड़ाई की वजह पुलिस अधीक्षक को जाति सूचक खाने की बात कहता रहा जबकि घायल मंडल के पदाधिकारी कसम खाकर कहते रहे कि उन्होंने जाती से सूचक कोई बात नहीं कही है। बहरहाल एसपी डॉक्टर ई रज राजा का कार्यकाल डेढ़ साल में अपराधों के नियंत्रण साइबर फ्रॉड की तमाम सफलताएं उनके हिस्से में जहां जुड़ीं हुई है वही यह भी चर्चा है कि उनका भाजपा के मंडल पदाधिकारी से विवाद भी स्थानांतरण का कारण बना।

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