विकास भवन मे 709 स्वयं सहायता समूहों को 10 करोड 63 लाख 520 हजार रु का डेमो चेक महिलाओं को किया वितरित
उरई/जालौन (अनिल शर्मा)। विकास भवन के रानी लक्ष्मीबाई सभागार में बैंक क्रेडिट लिंकेज (सी०सी०एल०) मैंगा कैम्प का आयोजन कर 709 स्वयं सहायता समूहों को 10 करोड़ 63 लाख 520 हजार रूपये का डैमों चैक ऋण के रूप मे महिलाओं को वितरित किया गया। जिसमें आर्यावर्त बैंक द्वारा 402 समूहों, इण्डियन बैंक द्वारा 245 एवं अन्य बैंकों द्वारा 142 समूहों को ऋण प्रदान किया गया। सबसे ज्यादा स्वंय सहायता समूहों को ऋण प्रदान करने के लिए मंजेश तिवारी शाखा प्रबंधक आर्यावर्त बैंक, मुहम्मदाबाद एवं अमन शर्मा शाखा प्रबंधक इण्डियन बैंक, एट को प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया।
अनुपम कुमार, प्रवीण जैन एवं सत्यनारायण ब्लॉक मिशन प्रबंधक को सी०सी०एल० लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत समूहों को सी०सी०एल० प्रदान करने हेतु प्रमाण पत्र दिये गये। बबली भुआ, प्रेमवती पडूली, शिखा खजुरी को व्यवसाय में अच्छे कार्य हेत प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
डा० घनश्याम अनुरागी ने कहा कि जनपद में सी०सी०एल० की धनराशि से महिलायें अपना स्वरोजगार स्थापित कर रही है एवं लखपति महिला के रूप में अपनी पहचान बना रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से महिला स्वंम सहायता समूह को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। इन योजनाओं के तहत, महिलाओं को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और बाजार तक पहुंच प्रदान की जा रही है, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं। इन योजनाओं के लाभ से महिलाएं अब छोटे व्यवसायों और कुटीर उद्योगों में भाग ले रही हैं। इससे न केवल उनका आर्थिक स्तर ऊपर जा रहा है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि नारी सुरक्षा, नारी सशक्तिकरण, नारी स्वावलंबन को अग्रसर हो रही है।उन्होंने सभी महिलाओं को अपने लघु उद्योगों को वढ़ावा देने हेतु बधाई दी एवं महिलाओं को आश्वासन दिया कि वो अपना उत्पाद बढायें तथा विपणन की व्यवस्था हेतु सरकार व्यवस्था करेगी। उन्होंने गौशाला संचालन हेतु अहिल्यावाई आजीविका ग्राम संगठन को गौशाला सुपुर्द करते हुये कहा कि महिलायें गौशाला से दूध, दही, मख्खन एवं गोबर के उत्पादों से अपनी आय को बढ़ा सकती है, सफल संचालन पर अन्य ग्राम ग्राम पंचायतों में स्वयं सहायता समूह को गौशालाओं का दायित्व सौपा जायेगा। इसके लिए स्वंम सहायता समूहों की महिलाओं को 50 रू0 प्रतिदिन प्रति गाय की दर से सरकार द्वारा भुगतान किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने अहिल्यावाई आजीविका ग्राम संगठन ग्राम नुनवई विकास खण्ड डकोर को गौशाला की देख रेख करने के दायित्व हेतु स्वीकृति पत्र दिया गया। समूह की महिलाओं द्वारा अपनी कहानी अपनी जुबानी में समूह से अपनी प्रगति के बारे में सफलता की कहानी को विस्तार पूर्वक बताया गया। जिसमें उन्होने समूह से जुडने से पूर्व एवं पश्चात की स्थिति को बताया ।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास, उपायुक्त स्वतः रोजगार महेन्द्र प्रसाद चौबे एवं परियोजना निदेशक अखिलेश तिवारी, कालपी विधायक प्रतिनिधि आशु चतुर्वेदी, जिला मिशन प्रबन्धक एवं ब्लॉक मिशन प्रबन्धक एवं सी०सी०एल० प्राप्त समूह की महिलाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।