हर वक्त कोरोना पर बात करने व सोचने से पड़ सकते हैं बीमार

धैर्य व संयम बरतें और वहम न पालें,खुशी से बिताएं वक्त
झांसी। वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना को मात देने के लिए जरूरी है कि हम हर तरह की सावधानी बरतते हुए पूरा का पूरा वक्त अपनों के साथ बिताएं । अपने दिलो-दिमाग पर कोरोना के भय को कतई प्रभावी न होने दें। हर वक्त न तो कोरोना के बारे में परिवार वालों से बात करें और न उस बारे में सोचें ही, ऐसा करने से आप बेवजह मानसिक तनाव में आ सकते हैं ।  भाग-दौड़ भरी जिन्दगी में एकाएक ब्रेक लगने पर संतुलन बनाना बहुत ही जरूरी हो जाता है । यह वक्त भी कुछ वैसा ही है। कोरोना को हराने के लिए जहां सरकार हर संभव प्रयास करने में जुटी है। वहीं हमारा भी दायित्व बनता है कि ऐसे में हम भी धैर्य व संयम के साथ सरकार का पूरा साथ दें । यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ जी के निगम का।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी का मानना है कि हम जिस विषय में भी बहुत देर तक सोचते व मनन करते हैं वह हम पर हावी हो जाता है। ऐसे में उसका नफा-नुकसान नजर आने लगता है जो कि किसी के लिए भी खतरनाक हो सकता है। लाक डाउन की स्थिति में सभी चीजें ठहर सी गयी हैं। इसके लिए जरूरी है कि अपनी दिनचर्या में बदलाव लायें और यदि आवश्यक सेवाओं से नहीं जुड़ें हैं तो घर से बाहर निकलने से परहेज करें। टीवी, अखबार और सोशल मीडिया में सिर्फ कोरोना के बारे में देखने-समझने और अपनों से सिर्फ उसी बारे में बात करने से बचें। ऐसा करने से आप मानसिक तनाव में आकर अपने साथ ही घर के अन्य सदस्यों को बीमार बना सकते हैं। इससे ध्यान हटाने के लिए उन्होंने टीवी सीरियल देखने, पुस्तकें पढ़ने आदि की सलाह दी।
खाना बनाने का शौक है तो किचेन में बिताएं कुछ वक्त
यदि आपको घर पर ही रहना है तो अपने शौक को जिन्दा रखिये। अगर खाना बनाने का शौक है तो अपने हाथों से कुछ नई डिश बनायें और अपनों के साथ शेयर करें। ऐसा करने से जहाँ अपनापन बढेगा वहीँ आपका वक्त भी बोरियत भरा नहीं होगा। इसके साथ ही यह भी ख्याल रखें कि हर काम में साफ-सफाई बरतने के साथ ही ऐसा ही डिश बनायें जो लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला हो, क्योंकि कोरोना की गिरफ्त में सबसे पहले वही आते हैं जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
मनपसंद सीरियल व फिल्में देखें, पुस्तकें पढ़ें
आज हम पुस्तकों से बहुत दूर हो गए हैं। तो किसी को अपने दिमाग को दुरुस्त करने के लिए मनोरंजन तक की फुरसत नहीं। कोरोना के चलते घर पर ही समय बिता रहे कुछ नौकरी-पेशा व व्यापारियों से बात की तो उनका कहना था कि जो परिस्थितियां सामने हैं वैसे में हर किसी को बहुत ही धैर्य और संयम की जरूरत है। कोरोना से ध्यान हटाने के लिए किसी ने टीवी पर समाचार देखने के अलावा मनपसंद धारावाहिक देखने की बात बताई तो किसी का कहना था कि वह पेन ड्राइव में पडीं कुछ उन फिल्मों को देखा जो उनके दौर की सुपर हिट हुआ करती थीं। एक युवक का कहना था कि समयाभाव के चलते सेल्फ में रखीं कुछ मनपसंद पुस्तकों को पढ़ नहीं पाया था, अब दिनचर्या में आये बदलाव के चलते उन पुस्तकों को पढ़कर समय व्यतीत कर रहा हूँ। एक बुजुर्ग का कहना था कि खाली वक्त में बहुत दिन बाद बेटे और बेटी की शादी की फिल्म देखी जिसने सभी की यादें ताजा कर दीं।

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