हजार परिवारों को राशन व 3 हजार लोगों तक भोजन पैकेट भेज चुका है संघ

आपदा से लड़ने के लिए संघ के सैकड़ों स्वयंसेवक निभा रहे जिम्मेदारी
झांसी। विश्व में मौत का तांडव कर रहे कोरोना वाॅयरस से लड़ने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 दिन का लाॅक डाउन कर दिया है। उसके बाद से देश गरीब और असहाय लोग रोजी रोटी के लिए मोहताज हो गए हैं। हालांकि उनके लिए देश और प्रदेश सरकार ने अपने खजाने खोलते हुए किसी भी प्रकार की परेशानी न होने का भी एलान किया है। बाबजूद इसके कुछ ऐसे परिवार हैं जहां तक मदद पहुंचते-पहुंचते बहुत देर हो सकती है। ऐसे गरीब और असहाय लोगों को चिन्हित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने चुपचाप तरीके से हजारों परिवारों को मद्द करने का वीणा उठाया है। जमीनी स्तर पर काम करने वाले संघ के स्वयंसेवक अब तक करीब एक हजार से ज्यादा परिवारों को राशन किट पहुंचा चुके हैं तो वहीं दूसरी ओर 3 हजार से ज्यादा लोगों तक भोजन पैकेट पहुंचाए जा चुके हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का एकमात्र ऐसा संगठन है जो आज तक देश में आई हर आपदा के समय सबसे आगे खड़ा मिला है। सेना के कंधे से कंधा मिलाकर भी स्वयंसेवकों ने देशहित में अपने कदम पीछे नहीं हटाए। आपदा कैसी भी हो हर स्वयंसेवक अपनी भारत मां के लिए अपने आप की आहुति देने को तत्पर रहता है। आज जब विश्व के करीब 200 देश चीन के वुहान शहर से निकले कोरोना वाॅयरस के कहर से कराह रहे हैं। और देश में भी इसकी दहशत छाई हुई है। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक कमर कसते हुए असहाय और गरीब लोगों की सहायता के लिए आगे आ गए हैं। महानगर कार्रवाह धर्मेन्द्र चैधरी ने हिन्दुस्थान समाचार से बात करते हुए बताया कि अब तक करीब 1 हजार से अधिक परिवारों तक स्वयंसेवकों द्वारा राशन किट पहुंचाई गई है। जबकि दो स्थानों पर चल रही अन्नपूर्णा रसोई के माध्यम से अभी तक महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में रोटी के संकट से जूझ रहे करीब 3 हजार लोगों को भोजन पैकेट भी उपलब्ध कराए गए हैं।
इन बस्तियों के लोगों के भोजन की जा रही चिंता
महानगर प्रचारक यशवीर ने बताया कि कमजोर,असहाय व खासतौर पर वृद्धजनों का खास ख्याल रखा जा रहा है। मुख्य रुप से 10 बस्तियों के कमजोर व असहायों को चिन्हित किया गया है। इन बस्तियों में उन्नाव गेट बाहर,भट्टा गांव के 100 परिवार,कांशीराम काॅलोनी करारी,आदिवासी बस्ती डड़ियापुरा,खालसा के समीप स्थित बगरी गौड़ आदिवासी ,पाॅलिटैक्निक के पास जौहर नगर में रहने वाले लौहपीटा समूह के करीब 200 परिवार,खुशीपुरा,नगरा के महावीरनपुरा,प्रतापपुरा,व गढ़ियागांव के 100 परिवार,भाण्डेरी गेट अन्दर के 40 परिवार,बड़ागांव गेट बाहर और दो अन्य मोहल्लों में 300 परिवार समेत कुछ फुटकर परिवार शामिल हैं।
राशन किट में ये वस्तुएं हैं शामिल
महानगर प्रचारक ने बताया कि राशन पैकेट में करीब 5 किलोग्राम आटा, 2 किलोग्राम चालव, 1 किलोग्राम दाल,500 ग्राम नमक,एक सब्जी मसाला,कुछ राशन पैकटों में तेल व आलू भी शामिल था।
विभाग प्रचारक बोले, संकट के समय सभी करें सहयोग
इस संबंध में विभाग प्रचारक अजय ने कहा कि देश में यह संकट की घड़ी है। हम सभी को देश का नागरिक होने के नाते सभी के भोजन की चिंता करनी होगी। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों की ओर से ऐसे परिवारों को चिन्हित किया गया है,जिनके पास स्थाई रोजगार नहीं है। दैनिक मजदूरी कर अपने परिवार का पेट भरते हैं,आदिवासी परिवार जो वास्तव में भोजन के लिए परेशान हैं अथवा कुछ संपर्क सूत्रों के माध्यम से सूचित कर हमें बताया जाता है कि वास्तव में यह परिवार सेवा के पात्र हैं,ऐसे परिवारों तक संघ पहंुच रहा है। और आगे भी पहुंचता रहेगा।

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