स्वास्थ्य कर्मियों को खुद की सुरक्षा के लिए दिया गया प्रशिक्षण

कहा,बरतें सावधानी ताकि अस्पताल से अपनों तक न पहुंचे वायरस
झांसी। कोरोना संक्रमितो के इलाज में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में स्वयं के बचाव संबंधी प्रशिक्षण दिया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. जीके निगम ने बताया कि कोरोना संक्रमित के इलाज में दिन-रात जुटे चिकित्सकों और अस्पताल कर्मचारियों को भी खास सावधानी बरतने की जरूरत है। संक्रमित के इलाज के दौरान चिकित्सक के खुद इस वायरस के जद में आने की बात सामने आ चुकी है। इसलिए वायरस की स्थिति को देखते हुए हेल्थ वर्कर भी खास सावधानी बरतें ताकि उसका संक्रमण उनके अपनों तक न पहुँचने पाए।
सीएमओ ने बताया कि इस सम्बन्ध में कर्मचारियों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना वायरस से सावधान रहने की जहां आम लोगों को जरूरत है वहीं इससे संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे चिकित्सकों और अस्पताल कर्मचारियों को भी बड़ी ही सतर्कता बरतने की जरूरत है। इसके लिए अस्पताल में कम से कम चीजें लेकर आने को भी कहा गया। इन वस्तुओं में पर्स, पेन, बैग, बेल्ट, चाबी, मोबाइल चार्जर, लैपटाप, चेन आदि में से जो बहुत ही जरूरी हो, उसे ही लेकर आयें। उक्त तकनिकी प्रशिक्षण क्वालिटी सलाहकार डॉ. मनीष खरे, डॉ. प्रशांत जैन चिकित्साधिकारी बडागांव ,अनुपमा यादव, एवं नताशा टीएसयू द्वारा दिया गया।

कोविड वार्ड को बांटा जाएगा तीन जोन मंे
इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण में कार्य के दौरान चिकित्सा कर्मियों को कोरोना वायरस से बचाव के उपायों में मुख्य रूप से कोविड वार्ड को तीन हिस्सों में बाँटने के विषय में जानकारी दी गयी। जिसके अनुसार क्लीन जोन, बफर जोन एवं इन्फेक्टिव जोन बनाये जाने है। मरीजों को इन्फेक्टिव जोन में रखा जाएगा तथा नर्सिंग स्टेशन क्लीन जोन में रहेंगी। चिकित्सा कर्मियों को बिना सुरक्षा उपकरणों के इन्फेक्टिव जोन में प्रवेश नहीं करना है। न ही यहां कुछ भी खाना पीना है। कोई भी संक्रामक सतह को छूने के तुरंत बाद अपने हाथो को अच्छी तरह 60 सेकेंड तक धोना है। इसके अलावा समय समय पर अपने हाथों को सेनेटाइज भी किया जाना है।
संक्रमण से बचने के लिए अन्य उपाय भी होंगे कारगर
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ एन के जैन ने बताया कि संक्रमण की रोकथाम के लिए अन्य उपायों की भी जानकारी दी गई जैसे वार्ड की सफाई, संक्रमित चादरों का विसंक्रमण एवं धुलाई, तथा उपकरणों का विसंक्रमण। कोविड चिकित्सालय में कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) पहनने एवं उतारने के विषय में भी प्रशिक्षण दिया गया। विशेष रूप से मास्क की उपयोगिता एवं तार्किक उपयोग के विषय में बताया गया जिसके अनुसार सभी मरीजों एवं क्लीन जोन में बैठे स्टाफ को केवल सर्जिकल मास्क पहनना चाहिए।

अस्पताल से घर आने पर इन मुख्य बातों का रखें ध्यान
प्रशिक्षण देते समय यह भी बताया गया कि अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन मुख्य बातों का सदैव ध्यान रखना है। 1-घर पहुँचने के बाद किसी भी चीज को ना छुएँ पहले या तो अच्छी तरह हाथ पैर धो लें या नहा ले। 2- बाहर के जूते चप्पल घर के अन्दर ना ले जाएं। 3- मोबाइल, घड़ी, आदि को सेनेटाइज करें। 4-बाहरी कमरे में ड्रेस उतारें और तुरंत ही गर्म पानी व डिटर्जेंट में भिगो दें। 5- गर्म खाना और गर्म पानी का ही इस्तेमाल करें। 6-इस्तेमाल किये गए बर्तनों को गर्म पानी से धुलें। 7- घर पर परिवार के सदस्यों से उचित दूरी बनाए रखें।

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