सेवा प्रदाता सेक्टर के विकास से ही हासिल होगी अर्थव्यवस्था की श्रेष्ठता: प्रो.वैशम्पायन
56वीं उ.प्र. बटालियन एन.सी.सी.के एक भारत श्रेष्ठ भारत शिविर का हुआ आयोजन
झांसी। पांच ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था पाने के लिये हमें वस्तुतः कृषि एवं उद्योग के साथ-साथ सेवा प्रदाता सेक्टर पर कहीं अधिक ध्यान देकर उसे विकसित करने की आवश्यकता है, तभी हम आर्थिक श्रेष्ठता वाली इच्छित अर्थव्यवस्था पाने का लक्ष्य हासिल कर सकते है। यह विचार आज बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति एवं प्रख्यात अर्थशास्त्री प्रो.जे.वी.वैषम्पायन ने व्यक्त किये।
कुलपति प्रो.वैशम्पायन 56वीं उ.प्र. बटालियन एन.सी.सी.के प्रांगण में आयोजित एक भारत श्रेष्ठ भारत शिविर में प्रतिभागी कैडैट्स को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज वर्तमान समय में विश्व पटल पर जारी आर्थिक मंदी विश्व शक्ति की ओर बढ़ते हमारे देश के लिए कतई भी चिन्तनीय नही है। वस्तुतः यह दौर जीडीपी में गिरावट को नहीं वरन् ग्रोथ रेट में गिरावट को अंकित कर रहा है। दरअसल इसे कुछ समय के लिए आर्थिक सुस्ती का दौर कहा जाना उचित समाचीन होगा। कुलपति ने कहा कि अमेरिका और सुपर पावर वाले देशों की अथव्यवस्था में भी सेवा प्रदाता सेवायें जैसे साॅफ्टवेयर, नेट-बैंकिग, कम्प्यूटर, ट्रेडिंग आदि का बहुत बड़ा हाथ रहा है। हमारे देष में इसके लिये उच्च शिक्षा के विकास पर तत्परता से अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है तभी हम आर्थिक श्रेष्ठता हासिल कर एक भारत श्रेष्ठ भारत के अभीष्ट लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम हो सकेंगे। उन्होंने कैडेटों का आव्हान करते हुये कहा कि इस तरह के शिविर हमारे युवाओं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से तैयार कर उन्हें देश सेवा हेतु तैयार करने में सहायक होते हैं। एन.सी.सी. का प्रशिक्षण व्यक्तित्व विकास के साथ ही श्रेष्ठता की ओर ले जाता है जिससे व्यक्तित्व और राष्ट्र की श्रेष्ठता संभव है। इस अवसर पर डिप्टी कैम्प कमाडेण्ट कर्नल अमन यादव, कैम्प प्रशासनिक/वित्त अधिकारी कर्नल शैलेन्द्र सिंह, कैम्प प्रशिक्षण अधिकारी कर्नल ए.एस.गौतम, सूबेदार मेजर जे.पी.शर्मा, प्रो.कैप्टन एस.के.काबिया, मेजर जयवीर सिंह, ले.मनुप्रताप, ले.डी.जेना, जी.सी.आई. शिखा आदि उपस्थित रहे। संचालन कैम्प एडजूटैन्ट कैप्टन पंकज शर्मा ने किया।