सिक न्यू बार्न केयर दें रहा बच्चों को जीवनदान: सीएमएस
जिला महिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में स्थापित हैं एसएनसीयू
झांसी। जिला महिला अस्पताल के सिक न्यू बोर्न केयर (एसएनसीयू) इकाई के माध्यम से गंभीर बीमारियों के तहत अप्रैल 2018 से जनवरी 2020 तक लगभग 1117 बच्चों को बचाया गया है। वही मेडिकल कॉलेज स्थित इकाई में जनवरी 2018 से दिसंबर 2019 तक लगभग 2385 बच्चों को बचाया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. जीके निगम ने बताया कि भारत में शिशु मृत्यु दर एक गंभीर समस्या है, एसआरएस (सेम्पल रजिस्ट्रेशन सर्वे) 2016 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में शिशु मृत्यु की कुल दर 43 प्रति हजार जीवित जन्म में है। लेसेंट 2012 की रिपोर्ट के अनुसार, शिशु मृत्यु दर के अनेक कारण हैं, जिनमें समय से पहले जन्म एवं कम वजन का होना प्रमुख कारण है। इन स्थितियों में यदि शिशु को समय रहते उचित उपचार मिल जाए तो उन्हंे मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकता है। ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए जनपद में जिला महिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में एसएनसीयू स्थापित किया गया है। जिला महिला अस्पताल एसएनसीयू के प्रभारी डा. अरविंद सोनी ने बताया कि ऐसे बच्चें जिनके पैदा होने के बाद चिकित्सीय उपचार की आवश्यकता होती है। जैसे जन्म से पहले पैदा हो गए हो, पैदा होने के बाद नहीं रोया हो, कम वजन का हो, जन्म के समय से पीलिया हो, सांस लेने में तकलीफ हो, पेट में तनाव या सूजन हो, शुगर बढ़ने से बच्चंे को पेशाब ज्यादा हो रही हो, पल्स बढ़ी हो, ऑक्सीजन की कमी हो, मां का दूध नहीं पी पाता हो, गंदा पानी पी लिया हो, हाथ-पैर नीला पड़ गया हो एवं जन्म के तुरंत बाद झटके आ रहे हो उन्हें सिक न्यू बार्न यूनिट वार्ड में भर्ती कर ठीक किया जाता है। जिला महिला अस्पताल के मैनेजर गौरव सक्सेना ने बताया कि एसएनसीयू में एक डॉक्टर, कम से कम 2 व 3 स्टाफ नर्स, वर्ड आया, गार्ड और एक सफाई कर्मचारी की तैनाती 24 घंटे रहती है।