सामाजिक दूरी बनाना अब भी बना हुआ है चुनौती

व्यक्तिगत सुरक्षा को ताक पर रखकर घर से बाहर निकल रहे लोग
झांसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 21 दिन तक लाॅक डाउन के ऐलान के बाद भी लोगों का घर से निकलना बंद नही हुआ है। कुछ लोग अपनी दैनिक जरूरतों की पूर्ति के लिए तो कुछ अपना खाली समय पास करने के लिए अभी भी घर से निकल रहे है। हर वार्ड व ब्लॉक में दैनिक जरूरतों को पूर्ति के लिए समान मुहैया कराया जा रहा है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि व्यक्ति व्यक्तिगत सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दें। अभी देखा जा रहा है कि सामान लेने के लिए लोग लाइन लगाकर खड़े हुए है। जबकि इस समय सबसे ज्यादा जरूरी सामाजिक दूरी बनाए रखना है। जो समाज के बीच अभी भी एक चुनौती बनी हुई है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ जी के निगम ने सभी लोगों से अपील की है कि इस 21 दिन के लॉक डाउन का पालन करे और बहुत ज्यादा  जरूरी होने पर ही घर से निकले, दैनिक जरूरतों के समान लेते समय कम से कम दो लोगों के बीच एक मीटर का फासला बनाकर ही लाइन में खड़े हो। वर्तमान में लॉक डाउन से लोग तो सड़कों पर कम नजर आ रहे है लेकिन सामाजिक दूरी बनाए रखना अब भी चुनौती बना हुआ है। सभी सामाजिक दूरी के महत्व को समझे और वैश्विक महामारी के समय में मिलकर इस वायरस के खिलाफ लड़ें।
क्या है समाजिक दूरी और यह क्यों महत्वपूर्ण है
यह कोराना वायरस के प्रसार को रोकने अथवा कम करने की रणनीति का हिस्सा है। यह सभी पर लागू होता है, चाहे उसमें किसी तरह का लक्षण हो या नहीं हो। इसमें यह बात भी मायने नहीं रखती कि वह उच्च जोखिम वाले वर्ग (बुजुर्ग अथवा बीमार) का हिस्सा है या नहीं। हमें अपने रहन-सहन में बदलाव करने की जरूरत है। अगर हमें इसके सकारात्मक नतीजे पाने हैं तो पूरी सख्ती से इसका पालन करना होगा।
कोरोना वायरस से बचाव के चार प्रमुख संदेश
ऽ हाथों को साबुन और पानी से धोते रहे।
ऽ खाँसते और छीकते समय अपने नाक और मुंह को टिशु या रुमाल से ढके।
ऽ चेहरे, आँख, नाक, मुंह को बार बार न छुए।
ऽ ज्यादा भीड़ भाड़ वाली जगह न जाए, खांसी जुखाम वाले मरीजों से तीन फुट की दूरी बनाए रखे।

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