साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए गोष्ठी में हुआ मंथन
झांसी। ऑनलाइन बैंकिग, फ्रॉड, एटीएम फ्रॉड आदि साइबर अपराधों को दृष्टिगत रखते हुए जनपद के समस्त नोडल बैंक अधिकारियों के साथ पुलिस कार्यालय में गोष्ठी का आयोजन पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राहुल मिठास की अध्यक्षता में हुई। गोष्ठी में बैंकिग सम्बन्धी साइबर अपराधों को लेकर गहन विचार-विमर्श किया गया। ताकि पीड़ित की जल्द से जल्द हर सम्भव मदद की जा सके साथ ही पुलिस और बैंक मिलकर साइबर अपराधों पर रोक लगाई जा सके।
गोष्ठी में बैंक अधिकारियों द्वारा बताया गया कि अब एटीएम क्लोनिंग सम्भव नहीं है क्योंकि सभी जगह मजबूत सिक्योरिटी सिस्टम लगाया गया है। पीड़ित बैंकिंग सम्बन्धी समस्याओं को लेकर सीधे संबंधित बैंक प्रबंधक से सम्पर्क कर सकते हैं और अपने खाते से सम्बन्धित आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपने खाते में लेन-देन सम्बन्धी रोंक लगवा सकते हैं। पीड़ित के खाते से पैसा कटने के 48 घण्टे के अन्दर बैंक को सूचना देने पर उस रकम को रोंका जा सकता है। बैंक के समस्त अधिकारीगण द्वारा पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया गया। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राहुल मिठास ने आमजन को महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए बताया कि बैंक कभी भी किसी से फोन पर किसी भी प्रकार की डिटेल्स नहीं मांगती है। फोन पर बैंक डिटेल या किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। किसी प्रकार के वेरीफिकेशन आदि के नाम पर मशीन में अंगूठा आदि न लगायें इससे आपके खाते से लिंक आधार कार्ड की डिटेल के माध्यम से फ्रॉड किया जा सकता है। किसी भी कम्पनी के कस्टमर केयर का नम्बर इंटरनेट पर सर्च न करें। किसी भी प्रकार का फोन आने पर केवाईसी व एटीएम ब्लॉक होने से बचाने आदि के लिए कहने पर किसी भी प्रकार की जानकारी साझा न करें एवं सम्बन्धित बैंक से व्यक्तिगत संपर्क करें। फोन पर किसी भी प्रकार का पेमेन्ट रिसीब नहीं किया जाता है अतः किसी के कहने पर ऐसा न करें। पैसा अपने आप खाते में आ जाता है। इनाम, कैसबैक, लॉटरी या केबीसी में जीतने सम्बन्धी ऑफर पर जीएसटी अथवा किसी अन्य कर के नाम पर पैसा जमा करने को कहता है,तो ऐसा बिल्कुल न करें। एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट, टीम व्यूअर या ऐसा कोई अन्य एप्प किसी के कहने पर इंस्टॉल न करें अन्यथा आपको मोबाइल हैक हो सकता है। फेसबुक अथवा मैसेज के माध्यम से प्राप्त होने वाले लुभावनें ऑफर्स की साइट्स पर सम्पर्क न करें। फोन पर ऑनलाइन लोन लेने, मोबाइल टावर लगवाने तथा पेट्रोल पम्प खोलने आदि के नाम पर पैसा न डालें। अपने किसी भी प्रकार के पासवर्ड के रुप में अपना मोबाइल नम्बर, नाम, जन्मतिथि आदि को पासवर्ड न बनायें। मजबूत पासवर्ड का चयन करें और समय-समय पर परिवर्तित करते रहें। गोष्ठी में प्रभारी अपराध शाखा सुरेश बाबू, प्रभारी साइबर सेल अजीत सक्सेना, सोशल मीडिया सेल से उनि. रामबहादुर एवं अपराध शाखा के निरीक्षक व रीडर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण उनि सूरज सिंह यादव सहित अन्य पुलिस अधिकारीगण मौजूद रहे।