सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों में तंबाकू-गुटखा पर प्रतिबंध
सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर होगी कार्रवाई
झांसी। कोरोना के कारण कई व्यवस्थाएं ठप कर दी गई हैं, तो कई चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया गया हैं, इनमें एक है पान मसाला व गुटखा। दरअसल थूक कोरोना वायरस फैलने का बड़ा कारण है। पान और गुटखा का सेवन करने वालों के थूकने से इसकी संभावना बढ़ जाती है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक ने प्रदेश के मुख्य चिकित्साधिकारियों व मुख्य चिकित्साधीक्षकों को पत्र भेजकर सभी सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों में इसे प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. जी के निगम ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया जा चुका है। भारत व राज्य सरकार द्वारा गाइडलाइन व हेल्पलाइन नंबर जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 29.4 प्रतिशत लोग धूम्रपान रहित तंबाकू का विभिन्न रूप से सेवन करते हैं। जो कि तंबाकू एवं पान गुटखा का सेवन कर इधर-उधर थूकने से कोरोना वायरस के फैलने में सहायक हो सकता है। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान व अन्य बीमारियों की रोकथाम हेतु तंबाकू का सेवन बड़ा बाधक है। उन्होंने तत्काल सार्वजनिक स्थल पर तंबाकू खाकर थूकने वालों पर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। समस्त शासकीय प्रतिष्ठानों के मुख्यालयों, सरकारी प्रतिष्ठानों एवं स्थानीय कार्यालयों में तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों के प्रयोग को पूर्णतया प्रतिबंधित किया जा चुका है। वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण के द्रष्टिगत तत्काल कोटपा 2003 के नियमों उपनियमों एवं सार्वजनिक स्थान पर तंबाकू व पान मसाला खाकर यहाँ वहाँ थूकने पर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश शासन द्वारा दिये गए है।
तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. आर एस वर्मा ने बताया कि इन पदार्थों का सेवन करने वालों की कमी नहीं है। इससे परिसर व सड़क की सुंदरता तो प्रभावित होती है, प्रदूषण भी फैलता हैं। लेकिन अब मामला गंभीर है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीमें गठित की जा रही हैं। सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों को पत्र भेजकर तंबाकू को पूर्णतः प्रतिबंधित करने के लिए कहा गया है। सार्वजनिक स्थलों पर लोगों को गुटखा, पान, मसाला खाकर थूकने से रोकने व कोरोना संक्रमण को रोकने की अपील की जा रही है।