संक्रमित व्यक्ति के स्वस्थ होने के बाद भी 21 दिन तक बंद रखा जाएगा उसका क्षेत्र

मेडिकल काॅलेज में जल्द होगी प्रशासक की नियुक्ति
झांसी। देश कोरोना कहर की विभीषिका से जूझ रहा है। संक्रमितों का आंकड़ा डेढ़ लाख के पार जा चुका है। ऐसे मंे देश की विभिन्न परिस्थितियों को देखते हुए लॉक डाउन 5 शुरू किया गया है। सरकार की ओर से रेल-बस सेवा शुरू कर दी गई है। ऐसे में आम नागरिक की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गई है। अब कोरोना के साथ जीने की आदत डालते हुए इसमें साफ तौर पर अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए जाने, सोशल डिस्टेंस का पालन करने, माॅस्क लगाकर ही घर से बाहर निकलने जैसी बातों को जीवन में शामिल करना ही पड़ेगा। जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने बताया कि पान मसाला की दुकानें खुलने लगी है लेकिन तंबाकू पूरी तरह से प्रतिबंधित है। पान लेकर सार्वजनिक स्थान पर थूकना प्रतिबंधित है। पान की दुकानें तो खुलेंगी लेकिन पान को घर पर ही खाया जाए तो अच्छा होगा।
जिलाधिकारी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि जिन दुकानों को रेंडमली या ऑड ईवन के आधार पर खोला जाना है, उनके संचालक इस बात का पूरा ध्यान रखें कि यदि किसी बाजार अन्य क्षेत्र से कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति मिलता है तो संक्रमित व्यक्ति के पूर्ण स्वस्थ हो जाने के बाद भी 21 दिन तक और वह क्षेत्र बंद रखा जाएगा। ऐसे हालात बनने पर बाजारों का और दुकानदारों का काफी नुकसान हो सकता है। इस कारण यह आवश्यक है कि सोशल डिस्टेंस मेंटेन करके,बगैर दुकानों पर भीड़ लगाए ही व्यापार करें और फार्मूला प्लस 21 से बचकर रहें।
गंभीर बीमार करा लें पहले ही जांच
डीएम ने बताया कि अब तक जिले में जो 5 कोरोना संक्रमित से जुड़ी मौतें हुई हैं उसमें पाया गया है की मरीज किन्ही अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। इन सारी बातों के मद्देनजर उन्होंने अपील की है कि हर्ट, किडनी व टीवी जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे व्यक्ति अपनी जांच पहले ही सरकारी अस्पताल में करवा लें। ताकि उन्हें पहले ही एहतियात बरते जाने का रास्ता बताया जा सके और कोरोना संक्रमण से भी बचाया जा सके।
मेडिकल में जल्द आएंगे प्रशासक
बीते दिनों चिकित्सा एवं शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा मेडिकल काॅलेज की स्थिति का औचक निरीक्षण किया गया था। उन्होंने उसी दिन यह स्पष्ट कर दिया था कि यहां पर सुधार की ज्यादा जरुरत है। इसके मद्देनजर जल्द ही मेडिकल काॅलेज में प्रशासक आने वाले हैं। ताकि मेडिकल प्राचार्य का भार कम हो सके। और प्रशासनिक कार्यों को बेहतर ढंग से संभाला जा सकेगा।

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