श्रमिकों को रोजगार उपलब्धता की दयनीय स्थिति पर भड़के मण्डलायुक्त
कहा,डेढ़ महीने बाद भी आपके पास नहीं कोई योजना
झांसी। डेढ़ माह बाद भी मंडल में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने की स्थिति बेहद असंतोषजनक पाए जाने पर मण्डलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा ने नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों से स्वयं भी प्रयास कर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ने को कहा। कहा कि श्रमिक जहां हैं वहीं रोजगार के अवसर पैदा करें, मंडल में आए प्रवासी श्रमिकों की सूची लेकर समस्त विभाग उन्हें कार्य उपलब्ध कराएं। वह तत्काल श्रमिकों को रोजगार दिलाए जाने की कार्य योजना तैयार करें शासन की योजनाओं के साथ श्रमिकों को निजी क्षेत्र में भी रोजगार उपलब्ध कराए जाने का प्रयास करें। वह आयुक्त सभागार में कोविड-19 के संकट काल के दौरान वापस लौटे श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
मंडलायुक्त ने विभाग बार श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने के कार्य की समीक्षा की और सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि लगभग डेढ़ माह बीत गया है और अभी तक वापस लौटे श्रमिकों को कैसे काम देंगे उसकी कोई कार्य योजना तैयार नहीं है। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि प्राथमिकता से सभी विभाग कार्य योजना तैयार करें व आगामी साप्ताहिक बैठक में यह जानकारी दें कि कितने श्रमिकों को काम दिया गया।
विभाग बार समीक्षा में मंडलायुक्त ने उपनिदेशक भूमि संरक्षण प्रथम इकाई व द्वितीय इकाई के कार्यों में गहरी नाराजगी व्यक्त की और अभी तक के कार्यों पर असंतोष व्यक्त किया उन्होंने कहा कि भूमि संरक्षण के कार्य क्या बरसात में किए जाएंगे ताकि जो कार्य किए गए हैं वह बह जाएं, विभाग द्वारा अभी तक प्रवासी श्रमिकों की सूची ना लेने पर भी अधिकारियों को फटकारते करते हुए निर्देश दिए कि तत्काल सूची प्राप्त करते हुए मंडल में श्रमिकों को काम पर लगाएं। मंडलायुक्त ने मंडल में भूमि संरक्षण विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों पर भी असंतोष व्यक्त किया। अधिकारी स्वयं से भी लोगों को मोटिवेट करें और श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराएं। इस मौके पर अपर आयुक्त सर्वेश कुमार दीक्षित, जेडीसी चंद्रशेखर शुक्ला, वनसंरक्षक ए के सिंह, सीडीओ ललितपुर अनिल कुमार पांडे, सीडीओ जालौन प्रशांत कुमार श्रीवास्तव, डीडी उद्यान भैंरम सिंह सहित विभिन्न विभागों के मंडलीय अधिकारी उपस्थित रहे।
महिला श्रमिकों पर रहे फोकस
मंडलायुक्त ने प्रगति समीक्षा के दौरान सुझाव दिया कि महिलाओं पर अधिक फोकस किया जाए ,उन्हें विभिन्न ट्रेड से जोड़ा जाए। महिलाओं को सिलाई क्षेत्र में प्रमोट करें यदि वह कार्य करेंगी तो लाभ होगा महिलाओं को पशुपालन के कार्यों से भी जोड़ा जा सकता है इसके लिए भी प्रयास करें। उन्होंने कहा कि कोई भी भूखा न रहे यह सुनिश्चित किया जाए। पंचायत राज विभाग के शासनादेश अंतर्गत समस्त प्रवासी श्रमिकों के परिवार को 1000 रुपए दिया जाना सुनिश्चित हो साथ ही अत्याधिक निर्धन परिवार व निराश्रित परिवार को इलाज के लिए राज्य वित्त आयोग से 2000 तथा मृत्यु हो जाने पर संस्कार (अंत्येष्टि )के लिए 5000 रुपए खाते में दिया जाना सुनिश्चित हो।
मनरेगा में अब तक साढ़े चैतीस हजार श्रमिकों को मिला कार्य
ग्रामीण विकास मनरेगा अंतर्गत मंडल में 34741 श्रमिकों को काम की दिया गया। वन विभाग ने 241, उद्योग विभाग ने 27, पशु पालन 6, पंचायत विभाग द्वारा 2003 तथा मत्स्य विभाग ने 6 कुल 37024 श्रमिकों को रोजगार दिया गया। इसमें और तेजी लाएं लोगों को जानकारी दें तथा अधिक से अधिक श्रमिकों को काम उपलब्ध कराएं। मंडल में 1874 महिलाओं को राष्ट्रीय आजीविका मिशन के समूह से जोड़ा गया है जबकि मंडल में प्रवासी श्रमिकों की संख्या 58301 है। उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं के अतिरिक्त अधिकारी स्वयं से भी प्रयास करें कि श्रमिकों को रोजगार से लगाया जा सके।
सीडीओ ने कहा,श्रमिकों की कर ली गई स्किल मैपिंग
मुख्य विकास अधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने जनपद में अब तक किए गए कार्यों की जानकारी दी। बताया कि जनपद में आए श्रमिकों की स्किल मैपिंग कर ली गई है। उनके स्किल के अंतर्गत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। जनपद में बाहर से आए 50 प्रतिशत लोग मजदूर हैं उन्हें मनरेगा के साथ अन्य कार्यों में काम दिया जा रहा है। कुछ श्रमिक पेंटर, टेलर, व कुम्हार है। उन्हें उन्हीं की दक्षता के अनुसार रोजगार दिलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 3000 प्रवासी श्रमिक कपड़ा निर्माण से संबंधित हैं जिन्हें जल्द ही रोजगार दिलाया जाने की कार्य योजना बना ली गई है।