वीरांगना महारानी के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर किया दीपदान

चीन की सीमा पर शहीद हुए देश के जवानों को भी दी गई श्रद्धांजलि
झांसी। बुधवार को भारत-चीन की सीमा पर गलवान घाटी में सैनिकों के मध्य हुई झड़प में शहीद हुए भारत के जांबाज सैनिकों को विभिन्न पार्टियों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही 1857 में अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाली शौर्य की प्रतीक वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर श्रृद्धा सुमन अर्पित किए गए। इस दौरान लोगों ने दीपदान कर उनके शौर्य को नमन किया।
समाजवादी पार्टी के हाल ही में मनोनीत हुए जिलाध्यक्ष महेश कश्यप के नेतृत्व मंे सपाइयों ने भी महारानी के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर शाम पांच बजे दीपदान करते हुए नगर के महारानी लक्ष्मीबाई पार्क में उन्हें श्रृद्धा सुमन अर्पित किए। साथ ही भारत-चीन की सीमा पर शहीद हुए भारत मां के वीर सपूतों को भी श्रृद्धांजलि देते हुए सभी ने नमन किया। इस अवसर पर तिलक चन्द्र अहिरवार,राहुल सक्सेना, सलमान पारीछा,सुधीर वर्मा,छोटेलाल वर्मा,विक्रम यादव व आरिफ खान आदि मौजूद रहे। वही उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य मनीराम कुशवाहा के संयोजन में कांग्रेसियों ने रानी महल पर एकत्रित होकर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इसमें शहीदों को याद करते हुए अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही दुर्ग के मुख्य द्वार पर कांग्रेसियों ने शौर्य की प्रतीक वीरांगना महारानी के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर दीपदान का आयोजन भी किया।
1857 की दीपशिखा महारानी लक्ष्मीबाई ने 18 जून 1857 को ग्वालियर की बड़ी शाला स्थित संत गंगादास जी महाराज की तपस्थली उनकी कुटिया में अन्तिम सांस ली थी। वहां वह पूरी तरह से शत्रुओं से घिरी हुई थी। अपने शव को अंग्रेजों के हाथ न लगने देने के आश्वासन के बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए थे। उनके शव को अंग्रेजों से बचाने के लिए बड़ी शाला के 745 नागा साधुओं को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी थी। यही नहीं महाराज गंगादास जी को अपनी कुटिया को महारानी की अंतिम संस्कारशाला बनाते हुए उनका अन्तिम संस्कार किया गया था। बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर झांसी दुर्ग के मुख्य द्वार पर पहुंचे और उत्तर प्रदेश कांग्रेस पंचायत चुनाव समिति के सदस्य डॉक्टर सुनील तिवारी के नेतृत्व में दीपदान किया। वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के शौर्य और बलिदान से प्रेरणा लेकर राष्ट्रीय एकता, अखंडता, सांप्रदायिक सद्भाव और समाज के कमजोर लोगों के विकास के लिए कार्य करने का संकल्प दोहराया।
डॉ सुनील तिवारी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में झांसी की रानी वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई ने अपने शौर्य और पराक्रम से ब्रिटिश सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। उन्होंने देशभक्ति व राष्ट्रीय एकता की अनूठी मिसाल पेश की। जो आज हम सबके लिए प्रेरणास्रोत है। मनीराम कुशवाहा ने कहा कि आजादी की प्रथम क्रांति की ज्वाला वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई ने न सिर्फ देश भक्ति बल्कि महिला शक्ति का ऐसा अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो संपूर्ण विश्व में श्रद्धा का पात्र है। इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजेंद्र शर्मा, पूर्व महिला जिला अध्यक्ष नीता अग्रवाल, महिला कांग्रेस अध्यक्ष मुन्नी देवी अहिरवार, पूर्व जिला महासचिव अमीरचंद आर्य, युवा नेता शादाब एवं अनिल कुशवाहा उपस्थित रहे।

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