लॉक डाउन के वक्त को छुट्टी की तरह इस्तेमाल करें, परिवार को दें समय
घर की लक्ष्मण रेखा न लांघें पर नजरिया बदल सम्बन्धों में घोलें मिठास
झांसी। कोरोना वायरस को मात देने के लिए घर से बाहर निकलना पूरी तरह से मना है, ऐसे में लोग घर में मन लगाने की तरह-तरह की तरकीब आजमा रहे हैं। इस महत्वपूर्ण समय को घर-परिवार के साथ बिताने के साथ ही सगे-सम्बन्धियों और इष्ट मित्रों से फोन या संदेशों के आदान-प्रदान के जरिये संपर्क में रहना भी एक अच्छा तरीका साबित हो सकता है। इससे जहां एक-दूसरे का हालचाल जान सकेंगे, वही संबंधों में एक मिठास का भाव भी देखने को मिलेगा।
सर्विलेंस अधिकारी डा. सुधीर कुलश्रेस्ठ ने बताया कि लॉक डाउन में लोगों की आमदनी व आजादी कम हो गई है और उनके पास फालतू वक्त और असुरक्षा की भावना बढ़ गयी है लिहाजा तनाव बढ़ना लाजमी है। हम इस तनाव को नजरिया बदलकर दूर कर सकते हैं। लॉक डाउन कोरोना का फैलाव रोकने के लिए जरूरी है। दूसरा, आप घर में रहकर देश समाज के लिए योगदान दे रहे हैं। तीसरा, यह अनंत काल की समस्या नहीं है। यह जल्द ही खत्म हो जाएगा। लॉक डाउन के वक्त को छुट्टी की तरह इस्तेमाल करें। पति-पत्नी एक दूसरे को वक्त दें। समय बचे तो भविष्य की प्लानिंग करें। इसके साथ ही दौड़ती भागती जिन्दगी में एकाएक आये ठहराव का असर किसी के भी आचार-व्यवहार में साफ देखा जा सकता है। ऐसे ही समय में लोगों के धैर्य की असली परीक्षा होती है। इस समय अपनी बदली दिनचर्या में कुछ समय अपने शुभचिंतकों से फोन के जरिये जुड़कर भी पुरानी यादों को ताजा करने के साथ ही सम्बन्धों को फिर से एक ताजगी दे सकते हैं। सर्विलेंस अधिकारी ने बातचीत में बताया कि उनका परिवार खुद ग्वालियर में फसा हुआ है वह प्रतिदिन कुछ समय के लिए वीडियो काल कर अपने परिवार के संपर्क में रहते हैं।