मेला ग्राउंड पर कब्जे से आहत पालिका अध्यक्ष बोले, हो जनमत संग्रह

कहा,इसके लिए पद त्याग करना पड़े तो भी हैं तैयार
मऊरानीपुर। प्रान्तीय मेला जलबिहार के नाम से पूरा प्रदेश परिचित है। जलबिहार मेला की धूम देश की सबसे बड़ी तहसील से जुड़े सैकड़ों गांवों के लिए वर्षों से आस्था का केन्द्र बना हुआ है। उसी मेला ग्राउण्ड मऊरानीपुर में राजस्व विभाग की सरकारी संपत्ति पर हुए कब्जे को अवैध बताते हुए मऊरानीपुर पालिका अध्यक्ष ने जनमत संग्रह कराए जाने की बात की। उन्होंने कहा कि मेला ग्राउण्ड पर कब्जा कितना जायज है इस जनमत संग्रह में निकल कर सामने आ जाएगा। उन्होंने इसके लिए अपने पद का त्याग करने तक की बात कर डाली।
पत्रकारांे को जानकारी देते हुए पालिका अध्यक्ष हरिश्चन्द्र आर्य ने बताया कि नगर की जीवन रेखा सुखनी नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए नगर पालिका द्वारा बीते वर्षों मेंसुखनई नदी के दोनों ओर काफी कार्य किया गया। विकास कार्यो से जहां शहर का जाम कम हुआ, वहीं दूसरी ओर नदी के पुरातन स्वरूप की बहाली की दिशा में नया कदम बढ़ाया गया। इसके साथ ही नगर वासियों की प्रबल मांग को देखते हुए नगर पालिका द्वारा तत्कालीन जिलाधिकारी की सहमति से पुरानी तहसील के नित्य प्रयोग आवासीय परिसर एवं बगिया के नाम का भूखंड जो कि राजस्व विभाग की सरकारी संपत्ति है, का समतलीकरण,मंच निर्माण, रेलिंग, विद्युतीकरण आदि करके मेला ग्राउंड का स्वरूप दिया गया। तत्पश्चात तत्कालीन जिलाधिकारी तनवीर जफर अली द्वारा बुंदेलखंड के प्रसिद्ध मेला जलविहार का उद्घाटन 2013 को इसी मेला ग्राउंड पर किया गया। इसके बाद झांसी में आए समस्त अधिकारियों द्वारा प्रतिवर्ष मेला जलविहार का उद्घाटन किया जाता है। राजनीतिक दलों की जनसभाएं धार्मिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बिंदु बने मेला ग्राउंड की पहचान और नगर के प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में की जाती है। उन्होंने कहा कि यह नगर के लिए दुर्भाग्य है कि बीते मई माह में इस मेला ग्राउंड पर सत्ताधारी दल के एक बाहुबली नेता द्वारा फर्जी पट्टे को आधार बनाकर अवैध कब्जा कर लिया गया। नगर के बहुसंख्यक जन समुदाय की भावनाओं को कुचलने का दुस्साहस किया गया। पालिका एवं नगर वासियों ने स्थानीय प्रशासन से लेकर दिल्ली दरबार तक ज्ञापन भेजे । सभी जनप्रतिनिधियों से नगर हित में अपेक्षा की गई कि मेला ग्राउंड के स्वरूप को बिगड़ने से बचाएं किंतु अब तक की गई सभी कोशिशें नाकाम हैं। नगर का बहुसंख्यक समाज मेला ग्राउंड पर किए गए कब्जे से दुखी है। नगर वासियों की आशाएं अब सिर्फ पालिका अध्यक्ष के प्रयासों पर टिकी हुई हैं। इस मामले में पालिका अध्यक्ष हरिश्चन्द्र आर्य ने शासन प्रशासन से मांग की है कि इस प्रकरण में विधिक कार्यवाही के साथ-साथ कितना जायज है यह कब्जा विषय पर जनमत संग्रह कराया जाए। ताकि पता चल सके कि कितने व्यक्ति इस अनाधिकृत कब्जे को वैध ठहराते हैं। उन्होंने कहा कि वह मेला ग्राउंड एवं सुखनई नदी के पुरातन स्वरूप की बहाली हेतु प्राणपण से जीवन पर्यंत संघर्ष करते रहेंगे। भले ही इसके लिए उन्हें अपनी सीट क्यों न छोड़ना पड़े। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से भी नगर हित में अपील की है कि नगर की अस्मिता का प्रतीक बन चुका मेला ग्राउंड को बचाने हेतु अपने अपने स्तर से अपनी आवाज दिल्ली दरबार तक पहुंचाएं पालिका एवं नगर वासियों द्वारा व्यापक जनहित एवं शासकीय हित में जिले के लोकप्रिय जिलाधिकारी से अपील की है कि वे व्यक्तिगत रुचि लेकर इस प्रकार में प्रभावी कार्यवाही कर मेला ग्राउंड के स्वरूप की बहाली करें।

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