मेडिकल काॅलेज से संक्रमित मरीज के भागने पर डीएम ने दिये एफआईआर के आदेश
रिपोर्ट आने के पूर्व मरीज फरार, घर पहुंचते ही हो गई मौत
झांसी। मरीज भर्ती होने के बाद डिस्चार्ज की कार्रवाई किए बिना मरीज के मेडिकल कॉलेज से फरार हो जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाये। साथ ही कोविड 19 लैब की सुरक्षा बढ़ाए जाने के लिए अधिक फोर्स लगाया जाये। लैब में कोई भी सामान्यजन विचरण न करें, इसे सख्ती से सुनिश्चित किया जाये। अंतिम रिपोर्ट आने के बाद 3 कोविड मरीज जल्द होंगे डिस्चार्ज। उक्त निर्देश जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने बुधवार को महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा की गई जांच के परीक्षण उपरांत दिये।
भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी को बताया कि 40 वर्षीय श्रीमती शबीना पत्नी अब्बास अली निवासी तालपुरा थाना नवाबाद मेडिकल कॉलेज के इमरजेन्सी में 11 मई 2020 रात करीब साढ़े 9 बजे भर्ती हुई। उसे मिर्गी व दमा के साथ सांस लेने में भी परेशानी थी, स्थिति बेहद खराब थी। इस पर चिकित्सकों ने परिवार के सदस्यों को बताया गया कि उन्हें मिर्गी के साथ सांस लेने में समस्या हो रही है और इन्हें नियमतः कृत्रिम सांस दिए जाने के लिए वेंटिलेटर पर रखा जाना है। मरीज का प्रोटोकॉल के तहत कोविड 19 नमूना परीक्षण के लिए गया, कोविड 19 का रिजल्ट आने में लगभग 8 घंटे का समय लगता है, लेकिन मरीज के परिजन इलाज को तैयार नहीं थे और वह मरीज को लेकर रिजल्ट आने से पूर्व फरार हो गए। मरीज का कोविड सैंपल पॉजिटिव निकला। 12 मई को सुबह साढ़े 5 बजे इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। बाद में पुलिस द्वारा पूछताछ पर यह जानकारी मिली कि कोविड पॉजिटिव मरीज की मृत्यु अपने घर पर 12 मई को हो गई। उक्त प्रकरण की जांच मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सौंपी गई थी और जांच में यह पाया गया कि अटेंडेंट द्वारा सहयोग करने पर ही मरीज फरार हुआ है, इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस द्वारा भी उस प्रकरण की विवेचना की जा रही है। जिलाधिकारी ने अस्पताल प्रशासन को संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने मरीज के फरार होने में अटेंडेंट द्वारा मदद करने पर विभागीय कार्रवाई के साथ एफआईआर दर्ज करने की भी संस्तुति की। इस मौके पर प्रधानाचार्य डा. साधना कौशिक, निदेशक पैरामेडिकल डा.एनएस सेंगर, सीएमएस डा. हरीश चन्द्र, डा. अंशुल निगम, डा. जकी अहमद सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।