मुस्कुराएगा इंडिया’ को एनएसएस समन्वयकों व अधिकारियों का ऑनलाइन प्रशिक्षण

लोगों को मानसिक, स्वास्थ्य व भावनात्मक रूप से एनएसएस करेगा मजबूत
झांसी। राष्ट्रीय सेवा योजना उत्तर प्रदेश और यूनिसेफ ने संयुक्त रूप से मुस्कुराएगा इंडिया इनिशिएटिव की शुरुवात की है। यह कोरोना वाॅयरस के कारण लॉक डाउन होने पर लोगों को मानसिक स्वास्थ्य देने के लिए शुरू की गयी एक नयी पहल है। इसके लिए मंगलवार को विशेष कार्य अधिकारी एवं राज्य संपर्क अधिकारी उत्तर प्रदेश डॉ. अंशुमाली शर्मा के निर्देशन में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के लगभग 250 कार्यकम समन्वयकों एवं कार्यक्रम अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया।
राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक अशोक श्रोती ने कहा कि सरकार एनएसएस से यह अपेक्षा रखती है कि यह लोगों को जागरूक करने का काम करे। इसके साथ ही आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करने, मास्क बनाने और उसके सही प्रकार के उपयोग करने के बारे लोगों को बताना चाहिए। जूम की मीटिंग में सभी लोग शामिल हों और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयास करने का प्रयास करना चाहिए। आयुर्वेद में बताई गयी विधियों का उपयोग करें जिसमें हल्दी, तुलसी आदि का नियमित प्रयोग करने के लिए लोगों को जागरूक करें।
विशेष कार्य अधिकारी एवं राज्य संपर्क अधिकारी उत्तर प्रदेश डॉ. अंशुमाली शर्मा ने बताया कि आज के प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी, लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ, ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, फारसी अरबी विश्वविद्यालय लखनऊ, वीर बहादूर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर, डॉ. बी. आर. आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा, छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर, मेरठ विश्वविद्यालय, इलाहबाद राज्य विश्वविद्यालय एवं प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों के कार्यक्रम समन्वयकों एवं कार्यक्रम अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ के मनोविज्ञान विभाग की सहायक आचार्य डॉ. मानिनी श्रीवास्तव ने प्रशिक्षक के रूप में बताया कि आज जिन लोगों को शेल्टर होम या आइसोलेशन सेण्टर में रखा है वह लोग अपने घर जाने के लिए जिद करते हैं। इसका कारण उनका होम सिकनेस है। ऐसे में हमें उन्हें भावनात्मक रूप से जुड़ने का काम करना चाहिए और उन्हें यह बताना चाहिए कि वे अपनी दिनचर्या बना कर काम करें जिससे वे व्यस्त रह सके।
नकारात्मक छोड़ सकारात्मक विचारों को संजोने की जरुरत: डा.रश्मि
प्रशिक्षक के रूप में सहभागिता कर रही जेएन मिश्र पीजी कॉलेज लखनऊ की सह आचार्य डॉ. रश्मि सोनी ने लोगों को मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त करने का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि हमें अपने अन्दर से नकारात्मक विचारों को निकाल देना चाहिए और सकारत्मक विचारों को अपने अन्दर लाने की जरूरत है। सुबह उठकर हम सबसे पहले टीवी पर यह देखते हैं आज कितने लोग प्रभावित हुए। हमें इन चीजों से बचना चाहिए क्योंकि जब तक हममें नकारात्मक विचार अधिक होंगे हम किसी को भावनात्मक रूप से मजबूती नहीं दे सकते हैं।
25 लोगों को मनोवैज्ञानिक काउंसलर के रूप में किया नियुक्त
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मुन्ना तिवारी ने बताया कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय ने 25 लोगों को मनोवैज्ञानिक काउंसलर के रूप में नियुक्त किया है। यह सभी काउंसलर बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों में एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी है। काउंसलर के रूप में डा. सुरजीत सिंह, डा. नरेश चन्द्र निरंजन, डा. वंदना याज्ञिक, डा. अखिलेश कुमार, डा. महालक्ष्मी जौहरी, डा. उमेश कुमार, डा. पुष्पेन्द्र सिंह चैहान, डा. मिली भट्ट, डा. ब्रजेन्द्र तिवारी, डा. प्रणव त्रिपाठी, डा. एस. के. अग्रवाल, डा. एस.एस. सिंह, डा. स्वाति भदौरिया, डा. शारदा सिंह, डा. नीलिमा सोनी, रामजी यादव, डा. मुहम्मद नईम, डा. के.के. गुप्ता, डा. के.के.त्रिपाठी, डा. आशुतोष कुमार मिश्र, डा. विवेक कुमार पाण्डेय, डा. ज्ञान चन्द्र आर्यन, डा. अवनीश कुमार दीक्षित, डा. पवन कुमार को नियुक्त किया गया है।

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