मण्डल में करीब एक करोड़ 45 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य,तैयारी जोरों पर
झांसी में किए जाएंगे करीब 50 लाख पौधा रोपड़
झांसी । पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार वृक्षारोपण महाकुंभ योजना 2020 के तहत झांसी मण्डल में करीब एक करोड़ 45 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है। मण्डल के तीनों जनपदों में इसके लिए तैयारी भी लगभग जोरों पर है। वहीं जनपद में 49 लाख 78 हजार 820 वृक्ष वन विभाग के साथ साथ अन्य विभागों को लगाने है और इसके लिए भी तैयारियां जोरो पर चल रही हैं।
मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने मंडल में वृक्षारोपण की तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि जनपद जालौन में 4720130, जनपद झांसी 4978820 व जनपद ललितपुर में 4793830 पौधारोपण का लक्ष्य हैैं। इसके सापेक्ष गड्ढा खुदाई कार्य शत प्रतिशत कर लिया गया है। मंडल में लगभग 52 प्रजातियो के पौधा उपलब्ध है। क्षेत्र में आंवला, सहजन, नीम, पीपल सहित औषधीय पौधों की उपलब्धता है। मंडल में 86 नर्सरी वन विभाग, 6 नर्सरी उद्यान विभाग तथा 18 प्राइवेट नर्सरी है। उन्होंने बताया कि मंडल में निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूर्ण किया जाएगा। कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होगा। वृक्षारोपण प्रातः समय से ही प्रारंभ किया जाएगा ताकि जल्द कार्य पूर्ण हो सके। उसके लिए ग्रामवार माइक्रो प्लान बना लिया गया है ताकि साइड तक जल्द पौधों को पहुंचाया जा सके।
वहीं जिला वनाधिकारी विष्णुकांत मिश्रा ने बुधवार को बात करते हुए बताया कि सरकार के प्रदेश भर में 25 करोड पौधारोपण की योजना के तहत झांसी को मिले लक्ष्य 49 लाख 78 हजार 820 में से 18 लाख 95 हजार 700 वृक्षों का रोपण वन विभाग द्वारा किया जाना है। अन्य विभागों को 30 लाख 83 हजार 120 वृक्षों का रोपण करना है। इस बार का यह अभियान अब तक का सबसे बड़ा अभियान है जिसमें वन विभाग के अलावा 26 से 27 अन्य विभागों ,गैर सरकारी संगठनों, किसानों और लोगों को जोड़ा गया है। वन विभाग ने इसके लिए पौधे तैयार कर लिए गये हैं। हमारी नर्सरी में पर्याप्त मात्रा में पौधे हैं इसलिए किसी प्राइवेट नर्सरी से इस अभियान के लिए पौधे लेने की कोई जरूरत नहीं है। वन विभाग के अलावा अन्य सभी के लिए अभियान के तहत जितने पौधे लगाये जाने हैं उतने हमारे पास उपलब्ध हैं।
बुन्देलखण्ड की जलवायु के हिसाब से इन पौधों का होगा रोपड़
बुंदेलखंड की जलवायु के हिसाब से यहां सागौन,शीशम, आंवला, चिलबिल, अर्जुन, बहेड़ा ,आम, नींबू, अमरूद को विशेष रूप से सहजन के पौधों का रोपण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि वन विभाग अपनी चिंहित जमीन पर जो पौधारोपण करता है वहां उसके संरक्षण का भी पूरा इंतजाम किया जाता है। जबकि अन्य विभाग या लोगों को जो पौधे मुहैया कराये जाते हैं उनका सरंक्षण उन्हीं की जिम्मेदारी होती है। बुंदेलखंड एक सूखाक्षेत्र है और यहां पानी की कमी विशेषरूप से गर्मियों में हो जाती है लेकिन इसके बावजूद इस इलाके में जो भी हरियाली दिखायी दे रही है वह इस बात का प्रमाण है कि पेड़ लगाने का काम लगातार किया जा रहा है।
वन विभाग 97 स्थानों पर करेगा वृक्षारोपण
इस बार जिले में वन विभाग की जमीन पर 97 स्थानों पर वृक्षारोपण किया जायेगा। इन स्थानों पर गड्ढे खोदने ,बोना नाली बनाने,बीजवान और सुरक्षा खाई बनाने का काम पूरा हो गया है। एक चिंहित स्थान पर 200 बोना नाली बनायी जाती हैं। इसकी लंबाई तीन मीटर, चैड़ाई 45 मीटर और गहराई 06 मीटर होती है। यह बोना नाली वर्षाजल के संचय के काम में आती है और इससे निकाली गयी मिट्टी पर बीज बोये जाते हैं इस नाली की लंबाई तीन मीटर होती है और एक नाली पर एक एक मीटर की दूरी पर तीन पौधे लगाये जाते हैं इसके अलावा 500 पौधे गड्ढों में लगाये जाते हैं।
10 वर्ष में 25 प्रतिशत पौधे भी विकसित होने पर सफल हो जाता है लक्ष्य
श्री मिश्रा ने कहा कि पौधों के जीवित रहने की जहां तक बात है तो यह हर साल के हिसाब से किया जाता है जैसे अगर तीन साल बाद 60 से 70 प्रतिशत भी पौधे बचते हैं और 10 साल बाद तो 20 से 25 प्रतिशत पौधे भी वृक्ष का रूप ले लेते हैं तो वृक्षारोपण सफल माना जाता है। पिछले साल किये गये वृक्षारोपण के लिए थर्ड पार्टी मॉनीटरिंग करायी गयी थी। यह मॉनीटरिंग एसएफआई ने चार से पांच महीने पहले करायी थी जिसमें प्रदेश स्तर पर वन विभाग द्वारा लगाये गये पौधों में से 95 प्रतिशत पौधों के बचे रहने की बात कही थी।
लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
अन्य विभागों के तहत भी कई स्थानों पर बचे पौधों का प्रतिशत काफी अच्छा बताया गया। वन विभाग के तहत जो पौधारोपण किया जाता है उसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास किये जाते हैं लेकिन अगर किसी चिंहित स्थान पर पौधे बच नहीं पाते तो मौसमी दशाओं को भी ध्यान में रखकर इसके कारण की जांच की जाती है और अगर कर्मचारियों की लापरवाही सामने आती है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाती है
वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य सचिव ने भी किया एलर्ट
संपूर्ण प्रदेश में 25 करोड़ पौधों का रोपण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। समस्त जनपद अपने वृक्षारोपण लक्ष्य के सापेक्ष गड्ढा खुदान शत-प्रतिशत करते हुए पौधों को वृक्षारोपण साइड पर पहुंचाया जाना सुनिश्चित करें। वृक्षारोपण की सूचना जनपद कंट्रोल रूम से कमांड सेंटर प्रतिघंटे भेजी जाए। यह निर्देश मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश आर के तिवारी ने अपने कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्त, जिलाधिकारी सहित वन विभाग के अधिकारियों को दिए।
वृक्षारोपण में प्रभारी मंत्री होंगे शामिल
मुख्य सचिव ने बताया कि वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रत्येक जिले के प्रभारी मंत्री सहित नोडल अधिकारी सम्मिलित होंगे। इसके साथ ही आगामी एक जुलाई को प्रभारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री के उपस्थित रहने की जानकारी भी साझा की गई।