मजदूर बिना किसी विकास की कल्पना संभव नहीं: प्रदीप जैन आदित्य

शहर कांग्रेस कमेटी ने मनाया मजदूर दिवस
झांसी। मजदूर समाज की रीड की हड्डी हैं। मजदूर के बिना किसी विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। राष्ट्र निर्माण में मजदूरों का एक बहुत बड़ा योगदान रहा है। उक्त विचार मजदूर दिवस मनाते कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार प्रदीप जैन आदित्य ने व्यक्त किए। उन्होंने मजदूरों की मेहनत को ही राष्ट्र की सच्ची संपदा बताया।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंद वशिष्ठ ने कहा कि हर व्यक्ति को श्रमदान करना चाहिए, जिससे उसे मजदूरों की मेहनत का एहसास हो। देश की आजादी के बाद मजदूर इतना मजबूर कभी नहीं हुआ। आज कोरोना वायरस के चलते मजदूरों पर जैसे मुसीबत का पहाड़ गिर पड़ा हो। देश के विभिन्न गांवों से मजदूर महानगरों में अपने घर परिवार को छोड़कर सेवाएं देते थे और बड़ी-बड़ी इमारतों का निर्माण करते थे। लेकिन इस मुसीबत के दौर में उन्हें सिर छुपाने को भी महानगर में जगह नहीं मिली। सरकारों ने भी जिस प्रकार उनकी व्यवस्थाएं करना चाहिए थीं नहीं की। मजदूर पैदल ही अपने गांव के लिए चल दिए और कुछ तो भूख प्यास के कारण हादसे के शिकार भी हो गए। आज भी कई स्थानों पर मजदूर फंसे हुए हैं और अपने गांव आने के लिए सरकारी सहायता की उम्मीद लगाये बैठे हैं। मजदूर दिवस के अवसर पर मैं सरकार से विनम्र अनुरोध करता हूं कि मजदूरों की उनके गांव जाने की व्यवस्था की जाए, मजदूर राष्ट्र की शक्ति हैं उनके बिना मजबूत राष्ट्र का निर्माण संभव है। बैठक का संचालन जितेंद्र भदौरिया व आभार डा. विजय भारद्वाज ने व्यक्त किया। इस अवसर पर राजेंद्र रेजा, अनवर अली, अनु श्रीवास्तव, मजहर अली, सौरव साहू, हैदर अली, मनीष रायकवार, अमित चक्रवर्ती आदि ने कांफ्रेंस के माध्यम से गोष्ठी में भाग लिया।

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