मजदूरों को 53 दिन से अनवरत भोजन वितरण कर रहा परमार्थ
झांसी। कोरोना महामारी के कारण लागू हुए लाॅकडाउन के 52 दिन बाद भी प्रवासीय मजदूरों की राजमार्गो पर कतारे लगातार देखने को मिल रही है। प्रवासीय मजदूर बडी तादात में शहरों से अपने गांव की तरफ पलायन कर रहे है। अधिकांश मजदूर हजारों किलोमीटर की यात्रा पैदल या डग्गामार वाहनों से पूर्ण कर रहे है। वर्तमान में मजदूरों की क्रय शक्ति बहुत कमजोर हो गयी है, जिस कारण वह भोजन की व्यवस्था नहीं कर पा रहे है। ऐसे में वह भूखे -प्यासे ही अपना रास्ता तय कर रहे है। परमार्थ समाज सेवी संस्थान के द्वारा 25 मार्च से लेकर अब तक प्रवासीय मजदूरों के लिए भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसके तहत नियमित रूप से सुबह-शाम राष्ट्रीय राजमार्गो पर परमार्थ के वाॅलिटिंयर प्रवासीय मजदूरों को भोजन एवं शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा रहे है।
परमार्थ संस्था के प्रमुख संजय सिंह का कहना है कि जरूरतमंद लोगों की मदद नियमित रूप भोजन उपलब्ध कराकर परमार्थ अपने मानवीय कर्तव्यो को पूरा कर रहा है इस कार्य के लिए उन्हें हिंदुस्तान यूनिलीवर का वित्तीय सहयोग प्राप्त हो रहा है। परमार्थ संस्था का लक्ष्य है कि जब तक सडक पर प्रवासीय मजदूर रहेगे तब तक परमार्थ द्वारा भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जायेगा। परमार्थ के वाॅलिटिंयर केपेन्द्र राजपूत ने बताया कि वह इस कार्य को करकर खुश है, सुबह-शाम वह जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे है। तो वहीं इस काम में जुडे वाॅलिटिंयर दशरथ प्रजापति कहते है कि भोजन कई संगठनों के द्वारा बांटे जाने के बाद भी जरूरत के हिसाब से पूरा नहीं हो रहा। इस कार्य में और भी अधिक संगठनों को आगे आने की आवश्यकता है।