भोजन वितरण की सैल्फी लेने पर होगी कार्रवाई: जिलाधिकारी
सामुदायिक रसोई से अमीनो द्वारा कराई जाए भोजन आपूर्ति
झांसी। सामुदायिक रसोई में मीनू निर्धारित करते हुए भोजन पकाया जाए। स्वयंसेवी संस्थाएं भोजन वितरण के दौरान सेल्फी कदापि न लें अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें। साथ ही सभी समाजसेवी संस्थाएं भोजन वितरण की प्रतिदिन जानकारी उपलब्ध कराएं। सामुदायिक रसोई से अमीनो द्वारा भोजन आपूर्ति कराया जाना भी सुनिश्चत किया जाए। यह निर्देश जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने विकास भवन सभागार में अस्थाई आश्रय स्थल, आम रसोई घरों व अन्य स्थानों पर पात्र व्यक्तियों को भोजन सामग्री, भोजन, फूड पैकेट के संबंध में तथा नोबेल कोरोना वायरस के बचाव हेतु अति आवश्यक मेडिकल कन्डयूमेबल तथा मेडिकल इक्विमेंट क्रय करने के संबंध में आहूत बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।
जिलाधिकारी ने कहा की विभिन्न एनजीओ द्वारा भोजन वितरण के दौरान सेल्फी व फोटो ली जा रही है। यह उचित नहीं है। इसे तत्काल रोका जाए। उन्होंने सामुदायिक रसोई में मीनू बनाकर खाना पकाने के निर्देश दिए ताकि खाने वाले को अलग-अलग स्वाद का खाना मिले। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जरूरतमंदों को खाना सुबह जल्द पहुंचाया जाए। उन्होंने एनजीओ को भी सुझाव दिया कि खाना वितरण सुबह किया जाए तथा रात्रि में भी भोजन वितरण हो ताकि लोगों को लाभ मिल सके। सामुदायिक रसोई के वितरण में होने वाले भोजन का डाक्यूमेंटेशन किया जाए। क्योंकि सूचना शासन स्तर पर प्रेषित की जानी होती है। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे, नगर आयुक्त मनोज कुमार सिंह, सीएमओ डा गजेंद्र कुमार निगम, एडीएम राम अक्षयवर चैहान, बी प्रसाद, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज डॉक्टर साधना कौशिक सहित समस्त एसडीएम व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
क्रय करने वाले सामान का जल्द भेजें प्रस्ताव
बैठक में मेडिकल कॉलेज में अति आवश्यक मेडिकल कंज्यूमेबल तथा मेडिकल इक्विमेंट क्रय करने के संबंध में जिलाधिकारी ने कहा कि जो भी सामान क्रय करना है उसका प्रस्ताव जल्द दें। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान जो भी सामान क्रय किया गया है उसका प्रॉपर डाक्यूमेंटेशन किया जाए ताकि यह जानकारी प्राप्त हो सके कि कितनी राशि प्राप्त हुई और कितनी खर्च कर ली गई तथा कितनी शेष है ?
संदिग्धों की रिपोर्ट नैगेटिव आने पर घर में करें क्वारेन्टाइन
उन्होंने प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज से कहा कि मेडीकल कालेज में 3000 बेड का क्वारंटाइन सेंटर स्टैण्ड वाइज रखें और अभी जो भी मरीज क्वॉरेंटाइन हेतु आ रहे हैं उन्हें पैरामेडिकल में रखा जाए तथा जांच में यदि नेगेटिव आते हैं तो उन्हें तो होम क्वॉरेंटाइन में भेजा जाए।