बड़ी लापरवाही: 700 लोगो को लेकर राप्ती सागर ट्रेन पहुंची झांसी,मचा हड़कम्प

जिलाधिकारी ने कहा,सभी को स्क्रीनिंग के बाद भेजा गया गन्तव्य पर
झांसी। कोरोना के कहर से बचने के लिए प्रधानमंत्री पूरे देश को लाॅक डाउन किए हंै। ट्रेनों का संचालन भी 14 अप्रैल तक बंद है। बाबजूद इसके राप्ती सागर एक्सप्रेस जो त्रिवेन्द्रम से गोरखपुर बेलेन्सिंग के लिए गोरखपुर जा रही थी,700 यात्री लेकर झांसी आ पहुंची। यह जानकारी मिलते ही हड़कम्प मच गया। आनन फानन सभी की थर्मल स्क्रीनिंग कराकर उन्हें अपने गन्तव्य की ओर भेजा गया। इस संबंध में जिलाधिकारी ने बताया कि सभी की पूरी जानकारी भी नोट कर ली गई है।
लाॅक डाउन का दूसरा दिन था। सभी कुछ ठीक किया जा रहा था। जो कमियां कल रह गई थी,प्रशासन आज उन्हें पूरा करने में लगा था कि अचानक बिना सूचना के राप्ती सागर एक्सपे्रस ट्रेन झांसी स्टेशन पर रुकी। टेªन से सैकड़ों यात्री उतरने शुरु हो गए। इसकी जानकारी होते ही जीआरपी,आरपीएफ व रेलवे स्टाॅफ सकते में आ गया। सब यही सोच रहे थे कि आखिर जब सारी टेªनांे का संचालन 14 अप्रैल तक बंद है तो फिर यह टेªन अचानक कहां से आ गई। इसकी जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि सभी केरल से आए हैं। सभी रेलवे के पेंट्रीकार व आउट सोर्सिंग के कर्मचारी हैं। इनमें से कुछ भिण्ड, मुरैना, आगरा के लोग थे तो कुछ बांदा और चित्रकूट के भी लोग शामिल थे। इसकी जानकारी होते ही जिला प्रशासन की टीम वहां जा पहुंची। सभी को स्टेशन परिसर के बाहर एक एक मीटर की दूरी पर बैठाकर सब की थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई। किसी को कुछ नहीं निकला।
जिलाधिकारी ने जांच कराकर भेजा गन्तब्य तक
जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने बताया कि यह सबकुछ बिना सूचना के हुआ। फिर भी यह पता चला है कि टेªन बैलेंसिंग के लिए गोरखपुर जा रही थी। रास्ते में इसमें यह सब स्टाॅफ के लोग चढ़े थे। इन्हें ग्वालियर जाना था। इनकी संख्या को देखते हुए आनन फानन टेªन के माध्यम से उन्हें भिजवाया गया। इसके अलावा कुछ लोग बांदा और चित्रकूट के भी थे। इन्हें अन्य साधनों की व्यवस्था के साथ भोजन उपरान्त गंतव्य के लिए भेजा गया। जिलाधिकारी ने बताया कि सभी की जांच कराई गई है। सब नाॅर्मल है। इसके बावजूद भी सावधानी के तौर पर सभी का पता और उनके बारे में अन्य जानकारियां भी जुटा ली गई हैं। हालांकि इस संबंध में पीआरओ मनोज कुमार सिंह कुछ ज्यादा न बता सके।

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