ब्लाॅक प्रमुखों के वित्तीय अधिकारों में कटौती, पंचायती राज अधिनियम के विपरीतय: डा. सुनील तिवारी
झांसी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पंचायत चुनाव समिति के केन्द्रीय सदस्य डाॅ सुनील तिवारी ने त्रिस्तरीय पंचायत के वर्तमान एवं निवर्तमान सदस्यों के पदाधिकारियों से फोन कान्फ्रेंस के माध्यम से बात करते हुए कहा कि ब्लाक प्रमुख के वित्तीय अधिकारों में कटौती किया जाना,त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के मौलिक स्वरूप के विपरीत है। क्योंकि पंचायती राज अधिनियम की धारा 101 में साफ तौर पर ब्लाक प्रमुखों के वित्तीय अधिकार के बारे में लिखा गया है, अधिनियम के अनुसार क्षेत्र पंचायत निधि से धन निकासी एवं वितरण ब्लाॅक प्रमुख एवं खण्ड विकास अधिकारी साझे तौर पर करेंगे ।
जबकि अब पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव की ओर से जारी शासनादेश के बाद प्रदेश भर के ब्लाॅक प्रमुखों के अधिकार सीमित कर दिये गये है ।अभी तक सामान्य विकास निधि का संचालन ब्लाक प्रमुख बी डी ओ के माध्यम से करते थे, लेकिन पंचायती राज के प्रमुख सचिव के पत्र के बाद से, ब्लाॅक प्रमुख बाहर हो गए और उनकी जगह ए डी ओ वित्तीय आॅपरेशन में संलग्न हो जायेगें । ब्लाॅक प्रमुख अब सिर्फ और सिर्फ अनुमोदन कर सकता है, वित्तीय संचालन नहीं । कांफ्रेंस में शामिल पूर्व उप ब्लाक प्रमुख बृजमोहन तिवारी ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम की वास्तविक आत्मा, सत्ता के विकेन्द्रीकरण में होती है, सत्ता के केन्द्रीयकरण में नहीं । राजेंद्र शर्मा ने किसानों के द्वारा खाद क्रय के आॅन लाइन पेमेंट को अव्यवहारिक बताया । कांफ्रेंस में कांग्रेस की ओर से पूर्व उप सभापति नगर निगम अजय चन्द्र श्रीवास्तव, अरविन्द रावत एड, किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह पारीछा, पूर्व प्रधान नोटा पंकज मिश्रा, पूर्व सभासद लीलादेवी पिरौनिया, अमीरचंद आर्य, सुरेश नगाइच आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे ।