बेमौसम बरसात से बढ़ी कोरोना के कहर की चिंता
झांसी। कोरोना वाॅयरस की कड़ी को तोड़ने के लिए जहां प्रधानमंत्री ने पूरे देश को 21 दिन के लिए लाॅक डाउन किया है। वहीं बेमौसम बारिस ने कोरोना के संसय को और बढ़ा दिया है। सुबह तड़के से रुक-रुक कर हो रही बारिस ने न केवल मौसम में ठंडक लाकर कोरोना के संकट को गहराया बल्कि किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी।
लाॅक डाउन के तीसरा दिन सुबह से ही बारिस के नाम रहा। सुबह से हो रही बारिस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी। कोरोना की दहशत में जी रहे लोग इसलिए चिंतित दिखे कि पानी बरसने के बाद तापमान नीचे चला जाएगा। इससे कोरोना के खतरे और बढ़ जाएंगे। गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर लगातार वाॅयरल होता रहा है कि अधिक तापमान होने पर यह वाॅयरस नुकसान नहीं करता है। जबकि तापमान नीचे जाने पर इसकी संभावनाएं बढ़ जाती है। हालांकि यह भी बताया गया कि इस प्रकार की बारिस कोई असर इस पर नहीं पड़ता है। वहीं किसानों का कहना है कि यह कोरोना वाॅयरस की मार तो हम भले ही झेल रहे हैं। हमारे देश के प्रधानमंत्री की लाॅक डाउन नीति हमें बचाने में सहयोग कर सकती है। लेकिन इस बेमौसम बारिस ने खड़ी और कटी पड़ी फसलों को जमीदोज कर दिया है। इससे हम बेमौत मारे जाएंगे। किसान नेता गौरीशंकर बिदुआ ने बताया कि किसानों के लिए तो दैवीय आपदा सबसे बड़ा कोरोना है। उससे भी बड़ा कोरोना भ्रष्टाचारी अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना आपदा में सभी का ख्याल रखा है,लेकिन किसानों का कोई ख्याल नहीं रखा है। इसके चलते किसान पहले ही मरा हुआ है।
सीएमओ बोले,इस बारिस का कोई असर नहीं
इस संबंध में जब सीएमओ डा.गजेन्द्र कुमार निगम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह सत्य है कि यह कोरोना वाॅयरस ठण्डे देश चीन से निकलकर आया है। लेकिन इस बारिस का इस पर कोई असर नहीं होगा। जब उनसे पूछा गया कि तापमान गिरने से ठण्डक आ गई है। और यही ठण्डक कोरोना की सहयोगी बनेगी। इस पर उन्होंने कहा कि बारिस ने से कोई तापमान नहीं गिरा है।
मेडिकल काॅलेज के सीएमएस बोले,मुझे नहीं मालूम
इस संबंध में जब मेडिकल काॅलेज के सीएमएस डा.हरीशचन्द्र से जानकारी चाही गई तो उन्होंने साफ मना करते हुए कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं जानते हैं। यही नहीं उन्होंने कहा कि वह एक्सपर्ट नहीं हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि यही सीएमएस साहब को कोरोना समिति का सचिव बनाया गया था। जब इन्हें कुछ जानकारी ही नही ंतो फिर इनके लिए क्या कहा जाए।